जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। एलोपैथी को लेकर दिए विवादित बयान को वापस लेने के बाद रामदेव ने एक बार फिर इस चिकित्सा पद्धति पर सवाल उठाए हैं। बाबा रामदेव ने सोमवार को इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) और फार्मा कंपनियों को खुला खत लिखर 25 सवाल पूछे हैं।
उन्होंने कहा कि एलौपैथी सर्वशक्तिमान और सर्वगुण संपन्न है तो फिर एलोपैथी के डॉक्टर तो बीमार नहीं होने चाहिए।बाबा रामदेव ने बीपी, टाइप-1,टाइप-2 डायबिटीज, थायराइड जैसी कई बीमारियों को लेकर सवाल पूछा कि क्या उनके पास इनका स्थायी समाधान है।
बाबा रामदेव ने कहा पूछा कि एलोपैथी के पास फैटी लिवर, लीवर सिरोसिस, हेपटाइटिस को क्योर करने के लिए मेडिसिन क्या है? फार्मा इंडस्ट्री में हार्ट के ब्लॉकेज को रिवर्स करने का उपाय क्या है, बिना बाईपास, बिना ऑपरेशन के और इंजोप्लास्टि के स्थायी समाधान क्या है? क्या फार्मा इंडस्ट्री के पास सिरदर्द और माइग्रेन का कोई स्थायी समाधान है?
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जिसके बार- बार सिरदर्द और माईग्रेन न हो। एक बार दवा खाएं और स्थायी सिरदर्द, माईग्रेन बंद हो जाए। फार्मा इंडस्ट्री में आंखों का चश्मा उतारने का और हीयरिंग ऐड हट जाए, इसका कोई निर्दोष इलाज बता दें? पायरिया होने पर, जिससे कि दांत हिलने बंद हो जाए, मसूड़े मजबूत हो जाए, ऐसी कोई निर्दोष दवाई बताएं? जिससे करोड़ों लोग दुखी हैं।
बाबा रामदेव ने पूछा कि एक आदमी का कम से कम एक किलो वजन कम हो जाए। बिना सर्जरी के बैरियाट्रिक सर्जरी और लाइपोसेक्शन के, बिना किसी छेड़छाड़ के, दवाई खाएं और वजन घट जाएं, क्या फार्मा इंडस्ट्री में ऐसी कोई दवाई है? सोरायसिस, सोरायटिक अर्थरायटिस और सफेद दाग का कोई निर्दोष स्थायी समाधान बताएं।
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एलोपैथी के पास पार्किंसन का निर्दोष स्थायी समाधान क्या है? साइड इफेक्ट रहित कब्ज, गैस, एसीडिटी का फार्मा इंडस्ट्री के पास इसका स्थायी समाधान क्या है? अनिद्रा, लोगों को नींद नहीं आती है, क्योंकि आपकी दवा 4-6 घंटे ही असर करती हैं, वह भी साइड इफेक्ट के साथ, एलोपैथी में इसका कोई स्थायी समाधान दें? बिना साइड इफेक्ट के हिमोग्लोबिन बढ़ाने का निर्दोष तरीका बता दें।
आदमी के सारे ड्रग्स एडिक्शन, नशा छूट जाएं ऐसी कोई दवा बता दें। फार्मा इंडस्ट्री में कोरोना मरीजों को बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के ऑक्सीजन बढ़ाने का कोई उपाय बताएं?
बाबा रामदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के लिखे गए पत्र का जवाब देते हुए अपने बयान पर खेद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि वह बयान वॉट्सऐप पर आया था, जिसे उन्होंने पढ़कर सुनाया था।
मालूम हो कि पिछले दिनों रामदेव ने एलोपैथी दवाओं और डॉक्टरों को लेकर सवाल उठाया था, जिसके बाद बवाल मच गया था। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन समेत विभिन्न संस्थाओं ने रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।