न्यूज डेस्क
कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन की सरकार विधानसभा में अपना विश्वासमत साबित नहीं कर पाई और गिर गई। एचडी कुमारस्वामी अपनी पार्टी और कांग्रेस विधायकों की बगावत के चलते सरकार गंवा बैठे। 2018 में सरकार बनाने के बावजूद यह गठबंधन सरकार डगमगाती रही।
अब सबकी नजरें कर्नाटक की राजनीति में बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा बीएस येदियुरप्पा पर है। तीन बार सूबे के मुख्यमंत्री रह चुके येदियुरप्पा आज दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष और देश के गृहमंत्री अमित शाह से मिलेंगे।
इस दौरान दोनों नेताओं के बीच विधानसभा में बीजेपी के विधायकों और उनकी संख्या पर चर्चा होगी। इसके बाद कर्नाटक में बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। बीजेपी के सबसे विवादित नेता और पार्टी का सबसे भरोसेमंद चेहरा बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के नए सीएम हो सकते हैं।
हालांकि, बीएस येदियुरप्पा की उम्र और भारतीय जनता पार्टी का नियम उनके और सीएम की कुर्सी के बीच में अड़ंगा लगा सकती है। दरअसल, बीएस येदियुरप्पा 76 वर्ष के हो चुके हैं। दूसरी ओर बीजेपी ने नियम बना रखा है कि वो नेता जिसकी उम्र 75 पार हो चुकी है उसे बीजेपी या सरकार में कोई पद नहीं दिया जाएगा। ऐसे में येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद के लिए आगे किया जाता है या नहीं ये भी देखना दिलचस्प होगा।
गौरतलब है कि एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कलराज मिश्रा, सुमित्रा महाजन जैसे बीजेपी के कद्दावर नेताओं को उनके उम्र की वजह से बीजेपी ने टिकट नहीं दिया, जिसको लेकर पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की काफी आलोचना भी हुई थी।
बता दें कि तालुक अध्यक्ष से अपना सियासी सफर शुरू करते हुए येदियुरप्पा राज्य की सबसे बड़ी सियासी कुर्सी तक चौथी बार पहुंचने वाले हैं। वह 7 बार विधायक रहे और एक बार लोकसभा सांसद भी चुने गए। इसके अलावा वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं।
बेंगलुरु में आरएसएस कार्यालय में भारतीय जनता पार्टी के नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा, ‘मैं संघ परिवार के वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद लेने के लिए यहां आया था। मैं दिल्ली से निर्देश का इंतजार कर रहा हूं, उसके बाद राजभवन जाएंगे।’
वहीं, बीजेपी सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक में बीजेपी सरकार बनाने की जल्दबाजी में नहीं है। पार्टी अभी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेगी। सूत्रों के मुताबिक भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ही मुख्यमंत्री बनेंगे। बताया जा रहा है कि कर्नाटक में विधायक दल की बैठक की संभावना नहीं है क्योंकि येदियुरप्पा ही प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता होंगे। ऐसे में बैठक का मतलब ही खत्म हो जाता है।
इस बीच सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले बागी विधायकों पर अयोग्य ठहराए जाने की तलवार लटक रही है। व्हिप के बावजूद वोट ना करने वाले बीएसपी विधायक महेश पार्टी से निलंबित हो चुके हैं, लेकिन कांग्रेस-जेडीएस के पंद्रह बागियों ने स्पीकर से जवाब दाखिल करने के लिए 4 हफ्ते का वक्त मांगा है। उधर, जेडीएस ने भी आज अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। कुल मिलाकर बेंगलुरु में आज का दिन भी घटनाक्रम से भरपूर से रहने वाला है।
बताते चले कि कर्नाटक में ताजा राजनीतिक संकट की शुरुआत 6 जुलाई 2019 को हुई तब हुई जब जेडीएस और कांग्रेस के 12 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले कांग्रेस के विधायक आनंद सिंह ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दिया था।
इन 13 विधायकों के बाद निर्दलीय विधायक नागेश ने भी इस्तीफा दे दिया। नागेश मुंबई के लिए रवाना हो गए जहां पहले से ही कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायक एक होटल में ठहरे हुए थे। निर्दलीय विधायक नागेश ने गवर्नर को पत्र लिखकर कांग्रेस-जेडीएस सरकार से समर्थन वापस लेने के साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यदि बीजेपी समर्थन मांगती है तो वह उसके साथ है।