जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक मोहम्मद आज़म खां को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम ज़मानत मिलने के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति का घमासान तेज़ होने का अंदेशा बढ़ गया है. गेंद अब पूरी तरह से आज़म खां के पाले में है. वह किस तरह से खेलेंगे सारा दारोमदार उसी पर निर्भर करेगा.
समाजवादी पार्टी के असंतुष्ट विधायक और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने आज़म खां की ज़मानत पर जिस तरह से कहा है कि जिस घड़ी का इंतज़ार था वो आ गई है उसके बाद यह बात तय है कि चचा-भतीजे के बीच शब्दों के तीर एक बार फिर से चलेंगे.
आज़म खां अगर विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा आते हैं और सदन में अखिलेश यादव के साथ पहले की तरह से बैठते हैं तो माहौल दूसरा होगा लेकिन अगर शिवपाल सिंह यादव के साथ वाकई उनका कोई राजनीतिक मोर्चा बनने जा रहा है तो सियासत की बिसात पर अब नई गोटियों का सजना भी तय है. नया मोर्चा अखिलेश यादव की दिक्कतें भी बढ़ाएगा और योगी आदित्यनाथ की सरकार के लिए भी उलझनों को बढ़ाने वाला होगा.
शिवपाल सिंह यादव ने आज़म खां के साथ जयंत चौधरी और चन्द्रशेखर आज़ाद को लेकर जिस मोर्चे की बात कही है उस मोर्चेबंदी से बीजेपी के लिए मिशन 2024 उलझनें बढ़ने से कोई इनकार नहीं कर सकता है.
आज़म खां को ज़मानत मिलने के बाद शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है सत्यमेव जयते. उन्होंने लिखा है कि लम्बे अरसे से न्याय की जिस घड़ी की प्रतीक्षा थी वह आज पूर्ण हुई है. आज़म खान साहब को सर्वोच्च न्यायालय ने अंतरिम ज़मानत दे दी है. उन्हें व्यवस्था की घोर प्रताड़ना से न्याय मिला है. भारत की न्याय व्यवस्था उम्मीद की एक किरण है. नमन.
आज़म खां की पत्नी तन्जीन फात्मा ने इसे सच्चाई की जीत बताया है. अब्दुल्ला आज़म ने ट्वीटर पर सुप्रीम कोर्ट ज़िन्दाबाद लिखा है. 2020 से लगातार जेल में बंद आज़म खां को नियमित ज़मानत मिलने तक सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम ज़मानत जारी रहेगी. आज़म खां नियमित ज़मानत के लिए दो हफ्ते के भीतर अदालत का दरवाज़ा खटखटा सकते हैं.
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