जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को लेकर एक अहम कानूनी अपडेट सामने आई है। रामपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आजम खान की चार जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए तीन मामलों में उन्हें राहत दी है, जबकि एक मामले में कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक, जिन मामलों में कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत दी है, उनमें दो मामले भड़काऊ भाषण (हेट स्पीच) से जुड़े हैं, जबकि तीसरा मामला शत्रु संपत्ति के अवैध कब्जे से संबंधित है। इन तीनों में आजम खान की जमानत याचिकाएं मंजूर कर ली गईं।
हालांकि चौथे मामले में उन्हें झटका लगा है। यह केस गवाह को धमकाने और साजिश रचने से जुड़ा है, जिसमें अदालत ने उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। इसका मतलब यह है कि फिलहाल आजम खान को जेल में ही रहना होगा।
मामलों की संक्षिप्त जानकारी
- हेट स्पीच (2 केस) – जमानत मंजूर
- शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जा-जमानत मंजूर
- गवाह को धमकाने और साजिश का मामला-जमानत खारिज
आजम खान की मुश्किलें अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं, लेकिन तीन मामलों में मिली राहत को उनके लिए एक बड़ी कानूनी उपलब्धि माना जा रहा है। वहीं, चौथे मामले को लेकर अब उनकी अगली कानूनी रणनीति पर सबकी निगाहें होंगी।
इस मामले में आजम खान दोषी
सपा नेता आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रहीं हैं. अब उनको एक और मामले में दोषी पाया गया है और कोर्ट की तरफ से सजा भी सुना दिया गया है।
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बता दें कि सपा नेता आजम खान पर वर्ष 2019 में डूंगरपुर बस्ती को जबरन खाली कराने और धमकाने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में आजम खान और बरकत अली ठेकेदार को रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है।
जानें क्या था पूरा मामला
रामपुर जिले की एक अदालत ने एक व्यक्ति का घर जबरन खाली कराकर उसे ध्वस्त करवाने के आठ साल पुराने एक मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान को दोषी करार दिया है।
आजम खान इस वक्त सीतापुर जेल में बंद हैं और वहीं से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये उनकी पेशी हुई। आजम खान के वकील विनोद शर्मा ने बताया कि जबरन मकान खाली करवाकर उसे ध्वस्त करवाने के मामले में विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने पूर्व मंत्री को दोषी करार दिया।
बता दें कि डूंगरपुर बस्ती के निवासी अबरार नामक व्यक्ति ने छह दिसम्बर 2016 को गंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें आजम खान, सेवानिवृत्त पुलिस क्षेत्राधिकारी आले हसन और ठेकेदार बरकत अली पर घर में घुसकर लूटपाट और मारपीट करने का आरोप लगाया गया था। इसके साथ उसने यह भी इल्जाम था कि जबरन घर खाली करवाकर उसे ध्वस्त करा दिया गया था।