जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता मोहम्मद आज़म खां को सीतापुर जेल में ही ईद मनानी पड़ेगी. आज़म खां को सभी मामलों में अदालत से ज़मानत मिल चुकी है. सिर्फ एक मामला पेंडिंग है. यही वजह है कि उम्मीद जताई जा रही थी कि आज़म खां ईद से पहले जेल से रिहा हो जाएंगे लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत पर चार मई से फिर से सुनवाई शुरू करने को कहा है. इस मामले में हाईकोर्ट ने दिसम्बर में ही फैसला सुरक्षित रख लिया था लेकिन अब हाईकोर्ट ने वह फैसला सुनाने से इनकार करते हुए चार मई से जमानत पर फिर से सुनवाई करने की बात कही है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने आज़म खां की ज़मानत पर सुनवाई पूरी करने के बाद चार दिसम्बर को फैसला सुरक्षित कर लिया था लेकिन अब हाईकोर्ट ने वह फैसला सुनाने से इनकार कर दिया है. आज़म खां के खिलाफ यह मुकदमा अल्लामा ज़मीर नकवी ने दर्ज करवाया था.
आज़म खां ने जेल में रहते हुए रामपुर से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद लोकसभा से इस्तीफ़ा दे दिया था. समाजवादी पार्टी को उम्मीद थी कि इस बार वह सरकार बनायेगी. समाजवादी पार्टी की सीटों में ढाई गुना इजाफा भी हुआ लेकिन सरकार बनाने से वह काफी दूर रह गई. समाजवादी पार्टी की विधानसभा में ताकत बढ़ जाने कब बावजूद आज़म खां की रिहाई के लिए पार्टी ने कोई बड़ा कदम नहीं उठाया. शिवपाल सिंह यादव के सीतापुर जेल जाकर आज़म खां से मुलाक़ात के बाद से आज़म खां सियासी गलियारों में चर्चा का केंद्र बने हुए हैं.
आज़म खां के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज कराने वाले बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने कहा है कि आज़म खां ने सरकारी सम्पत्तियों पर कब्ज़े करने के अलावा जो लोगों को सताया है उन्हें उसी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.
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