न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव के बीच नेताओं के विवादित बयानों का सिलसिला जारी है। समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से महागठबंधन के प्रत्याशी आजम खान के बाद उनके बेटे अब्दुल्ला खान ने बीजेपी उम्मीदवार जया प्रदा पर बयान दिया है, जिसके बाद नया विवाद खड़ा हो गया है।
अब्दुल्ला आजम खान ने बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा का नाम लिए बिना उनके खिलाफ विवादित बयान देते हुए कहा कि ‘अली भी हमारे हैं, बजरंग बली भी चाहिए लेकिन अनारकली नहीं चाहिए’
जिला तो दूर कब्रिस्तान की बाउंड्री नहीं बनाई
चुनाव प्रचार के अंतिम दिन पान दरेबा में पिता आजम खान के साथ एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि ‘जो हमारे माथे पर गुलामी का कलंक था, वो फिर लग जाएगा। चुनाव विकास के नाम पर हो रहा है पर विकास न तो 2014 में हुआ और न 2017 में हुआ। यहां जिला तो दूर कब्रिस्तान की बाउंड्री नहीं बनाई।’ अब्दुल्ला ने आगे कहा, ‘अली भी हमारे हैं बजरंग बली भी चाहिए, लेकिन अनारकली नहीं चाहिए।’
23 अप्रैल को मतदान
इससे पहले आजम खान ने जया प्रदा के खिलाफ एक बेहद आपत्तिजनक बयान दिया था, जिसकी शिकायत चुनाव आयोग तक पहुंची थी। बयान को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग ने आजम खान के प्रचार अभियान पर तीन दिन की पाबंदी लगा दी थी। बता दें कि रामपुर लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान है। रविवार शाम को इस सीट पर प्रचार अभियान थम गया।
मायावती ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा
वहीं, इस बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि मीडिया की जबर्दस्त आलोचनाओं के बावजूद चुनाव आयोग अगर जनसंतोष के मुताबिक निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा है तो यह देश के लोकतंत्र के लिए बड़ी चिन्ता की बात है व इस गिरावट के लिए असली जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि बीजेपी व पीएम मोदी हैं जो गंभीर चुनावी आरोपों से घिरे हैं।
मायावती ने भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव आयोग केवल नोटिसें ही क्यों जारी कर रहा है व बीजेपी रत्न प्रज्ञा का नामांकन क्यों नहीं रद्द कर रहा है?
मायावती ने कहा कि भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी और मालेगांव ब्लास्ट आरोपी साध्वी प्रज्ञा का दावा है कि वे ’धर्मयुद्ध’ लड़ रही हैं। यही है बीजेपी और आरएसएस का असली चेहरा जो लगातार बेनकाब हो रहा है।