Monday - 28 October 2024 - 1:20 PM

क्‍या इंदिरा की तरह आजम को भी मिलेगी सख्‍त सजा

न्‍यूज डेस्‍क

लोकसभा में पीठासीन महिला सांसद रमा देवी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करके समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान बुरी तरह फंस गए हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान की टिप्पणी की संसद से लेकर सड़क तक निंदा हो रही है। उन्होंने संसद में जिस अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया, उसको अश्लील माना जा रहा है। चूंकि उन्होंने यह अश्लील टिप्पणी संसद के भीतर की है, जिसके चलते उनके खिलाफ संसदीय कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

माफी मांगने का एक मौका

लोकसभा के सभी सदस्‍यों ने स्‍पीकर ओम बिड़ला पर फैसला लेने के जिम्‍मेदारी दी है, सांसदों का कहना है कि स्‍पीकर सदन की कार्यवाही के दौरान जो भी फैसला करेंगे उसे सभी सदस्‍य मानेंगे। इस बीच ओम बिड़ला ने आजम खान को एक मौका और देने का फैसला किया है। बीते कल सभी सदस्‍यों के साथ बैठक करने के बाद उन्‍होंने कहा कि आजम खान को माफी मांगने का एक मौका देना चाहिए।

अगर आजम खान माफी नहीं मांगते हैं तो लोकससभा के प्रक्रिया और कार्य-संचालन नियम के तहत स्‍पीकर उन्‍हें कड़ी सजा दे सकते हैं। कार्य-संचालन नियम (Rules of Procedure and Conduct of Business states) नंबर 373 के मुताबिक अगर लोकसभा अध्यक्ष को सदन में किसी सांसद का व्यवहार बेहद आपत्तिजनक लगता है, तो लोकसभा अध्यक्ष उस सांसद को एक दिन के लिए सदन से निकाल सकते हैं। इसके बाद दोषी सांसद पूरे दिन सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकते।

नियम नंबर 374-A

वहीं, नियम नंबर 374-A कहता है कि अगर लोकसभा अध्यक्ष को किसी सांसद का व्यवहार घोर आपत्तिजनक लगता है, तो अध्यक्ष ऐसे सांसद को पांच दिन की कार्यवाही या उस पूरे संसद सत्र से सस्पेंड कर सकता है।

इसका मतलब यह हुआ कि अगर आजम खान के खिलाफ कार्रवाई की गई, तो ज्यादा से ज्यादा उनको एक सत्र के लिए सस्पेंड किया जा सकता है। हालांकि अगर आजम खान माफी नहीं मांगते हैं तो सासंदों की मांग पर उनपर और कठोर कार्रवाई भी हो सकती है।

विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव

साथ ही माफी न मांगने पर आजम के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जा सकता है। ऐसा होता है तो उन्हें सदन से निलंबित या निष्कासित किया जा सकता है। 1978 में विशेषाधिकार हनन से जुड़े मामले में ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लोकसभा से निष्कासित कर जेल भेज दिया गया था।

1978 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी

गौरतलब है कि आपातकाल के बाद 1978 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ तत्कालीन गृह मंत्री चौधरी चरण सिंह ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया था। आपातकाल की जांच के लिए गठित जस्टिस शाह कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर यह प्रस्ताव पेश किया गया था। सदन में प्रस्ताव मंजूर होने पर इंदिरा को सदन से निष्कासित कर दिया गया था। संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप बताते हैं कि इंदिरा को इस कारण जेल भी जाना पड़ा था।

बताते चले कि गुरुवार को मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 पर चर्चा में भाग लेते हुए आजम खान ने महिला सांसद रमा देवी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। रमा देवी उस समय सदन की अध्यक्षता कर रही थीं। आजम खान की इस अभद्र टिप्पणी पर सत्तापक्ष और सभी पार्टी की महिला सांसदों ने आपत्ति उठाई।

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