न्यूज डेस्क
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से सांसद आज़म खान पर योगी सरकार अपना शिकंजा कसती नजर आ रही है। आजम खान को पहले भू-माफिया घोषित किया गया, फिर जौहर यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट को ध्वस्त करने का आदेश दिया गया और अब जिला प्रशासन आज़म खान के लग्ज़री हमसफर रिजॉर्ट पर बुलडोजर चला दिया।
आरोप है कि अपने इस रिसॉर्ट के लिए उन्होंने सिंचाई विभाग के नाले की 1000 गज जमीन पर अवैध कब्ज़ा कर रखा है। सिंचाई विभाग इस मामले में आज़म खान को पहले नोटिस भी जारी कर चुका है।
जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिह ने बताया कि हमसफ़र रिसॉर्ट में 1000 गज जमीन पर कब्जा किया गया है। यह जमीन पसियापुरा शुमाली से बड़कुसिया नाले की है। नाले पर कब्जे से पानी निकासी में दिक्कत हो रही है।
बता दें कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में आज़म खान ने इस लग्ज़री हमसफ़र रिसॉर्ट का निर्माण करवाया था। आज़म खान के घर से तीन किलोमीटर दूर स्थित करोड़ों की लागत से बने इस रिसॉर्ट का लोकार्पण पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने किया था।
इससे पहले आज़म के जौहर यूनिवर्सिटी के मामले में एक और मुश्किल आ गई है। यूनिवर्सिटी के अंदर 13.842 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति का मामला सामने आया है, जिसको लेकर जिला प्रशासन की संस्तुति (सिफारिश) पर शासन ने एसआईटी को जांच सौंप दी है।
आज़म खान जौहर यूनिवर्सिटी के संस्थापक और चांसलर हैं। इस यूनिवर्सिटी को लेकर पहले भी एसआईटी की जांच हुई है। बता दें कि हाल ही में यूपी जिलाधिकारी सदर के न्यायालय ने आज़म खान के मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर जा रहे सार्वजनिक मार्ग से अवैध कब्जा हटाने के आदेश दिए थे। उप-जिलाधिकारी सदर रामपुर प्रेम प्रकाश तिवारी ने क्षतिपूर्ति के रूप में आज़म खान पर 3 करोड़ 27 लाख 60 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
उप-जिलाधिकारी सदर न्यायलय ने यह भी आदेश दिया है कि कब्जा मुक्त होने तक 9 लाख 10 हज़ार रुपये प्रति माह की दर से 15 दिन के अंदर वादी लोक निर्माण विभाग में जमा कराए। आज़म खान पर किसानों और सरकारी जमीन के अवैध कब्जे का आरोप लगा है. इस मामले में एसआईटी जांच जारी है।