न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। कोनोरा वायरस के इलाज के लिए पूरी दुनिया बेचैन है। हजारों मौत के बाद भी अभी तक इसकी वैक्सीन तैयार नहीं हो पाई है। ऐसे में किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज ने अब इस महामारी का इलाज आयुर्वेद पद्धति से करनी की ठानी है।
आयुष मंत्रालय ने केजीएमयू को गाइड लाइन भी भेजी है। जिसकी जानकारी केजीएमयू कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने दी। आरोग्य भारती की ओर से राष्ट्रीय वेबिनार हुआ। इसमें में देश भर के विभिन्न पद्धति के डॉक्टरों ने कोरोना वायरस के इलाज पर अपने विचार रखे।
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कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने कहा कि आयुष मंत्रालय की गाइड लाइन को मंजूरी के लिए ऐथिकल कमेटी में ले जाया जाएगा। उसके बाद गाइड लाइन के हिसाब से विशेषज्ञ की मदद से कोरोना मरीजों को जरूरत के हिसाब से आयुर्वेदिक दवाएं दी जाएंगी।
उन्होंने कहा कि यूपी में 3 मार्च कोविड-19 का पहला मरीज सामने आया। इसके बाद सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी। प्रदेश भर में 26 प्रयोगशाला में कोरोना की जांच की जा रही है। इसमें आईसीपीसीआर टेक्निक एवं अन्य विधियों का प्रयोग किया जा रहा है। अब हम 12 घंटे में रिपोर्ट दे देते हैं।
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दिल्ली स्थित चौधरी ब्रह्मप्रकाश चरक आयुर्वेदिक संस्थान के निदेशक व प्रिंसिपल डॉ. विदुला गुज्जरवार ने कहा कि सरकार के सहयोग से संस्थान में 114 कोरोना मरीजों को आयुर्वेद दवाओं से इलाज मुहैया कराया जा रहा है।
इसमें आयुर्वेद की दवाओं शंसमनी वटी, नागरादि कषाय व आमलकी चूर्ण समेत अन्य दवाएं दी जा रही है। इलाज के बाद 14 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। बाकी मरीजों की तबीयत में भी सुधार आ रहा है।
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