न्यूज डेस्क
अयोध्या में 2.77 एकड़ बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि जमीन विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने की उम्मीद अब कमजोर होती नजर आ रही है। इस मामले में मध्यस्थता समिति ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी।
खबर है कि समिति के अंदर और बाहर पक्षकारों के रुख में कोई बदलाव नहीं दिखा। खबरों की माने तो समिति ने विवाद को सुलझा पाने में अपनी असमर्थता जताई है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि पैनल के सभी सदस्य मसले के हल के लिए सर्वसम्मति पर नहीं पहुंच पाए।
अब चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ शुक्रवार दोपहर 2 बजे सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई वाली बेंच में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नज़ीर कर रहे हैं।
रिपोर्ट ठोस दलीलों के साथ अगर कुछ सुझाव और उस पर अमल की रूपरेखा भी सुझाती है तो शायद कोर्ट उसे भी मान ले और मोहलत मिल जाए या फिर कोर्ट रिपोर्ट के तथ्यों पर गौर करते हुए सीधे सुनवाई पर तैयार हो जाएगा। अगर ये विकल्प आता है तो अगली तारीख लगेगी और उस दिन सुनवाई की रूपरेखा बनेगी। यानी इस मामले के लिए रोजाना सुनवाई की परिभाषा तय होगी।
सप्ताह में कितने कार्य दिवस होगी सुनवाई? तीन, चार या पांच। कितने पक्षकारों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा? तीन मुख्य या सभी मूल याचिकाकर्ता या फिर दर्जन के भाव में हस्तक्षेप याचिकाएं दायर करने वालों को भी। सबको कितना-कितना वक्त दलीलें देने को मिलेगा। ये सभी बातें आज की सुनवाई में तय हो जाएंगी।