Wednesday - 30 October 2024 - 8:56 PM

नुक्कड़ नाटक के जरिये मतदाताओं को किया जागरूक

जुबिली पोस्ट ब्यूरो

लखनऊ। ADR की मतदाता जागरूकता अभियान के साथ नुक्कड़ नाटक की टीम ने चारबाग रेलवे स्टेशन, चारबाग बस स्टैंड, हजरत गंज (साहू सिनेमा के पास ) और भूतनाथ मार्केट में अपनी प्रभावशाली प्रस्तुतियां देकर मतदाताओं के मन और मस्तिष्क को झकझोर दिया।

इस दौरान नाटक के अंत में मतदाताओं ने शपथ ली कि वे दारू, मुर्गा, रुपया देने वाले प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत करेंगे और ऐसे प्रत्याशियों को जनता के सामने बेनकाब करेंगे। नाटक के एक दृश्य में दर्शक उस समय तालियाँ बजाने को मजबूर हो गए, जब मतदाता बने एक पात्र के गले में फंदा डालकर उसे एक ओर बाहुबली और दूसरी ओर धनबली खीच रहा था और मतदाता फड़फड़ा रहा था।

नाटक के दौरान उस समय ठहाका गूंजा जब पात्रों ने कहा कि आज कर्मठ, ईमानदार, जुझारू किन्तु गरीब कार्यकर्त्ता को कोई भी पार्टी टिकट नही देती है। पात्रों ने दर्शकों को जब ये बताया कि टिकट या तो नेता जी को मिलेगा नही तो उनकी धर्म पत्नी को या फिर नेता जी के पुत्र को, नही तो उनके साली सालों को वरना उनके चमचों को।

किन्तु गरीब कार्यकर्ता नेता जी का झंडा उठाने, माला पहनाने तथा नेता जी की सभाओं में दरी बिझाने के लिए रह गया है। नाटक में कलाकार कोमल समसेरिया, रतन दीवान, अक्षत शर्मा, मोहित प्रजापति, सौरभ आजाद ने अपने अभिनय से पात्रों को जीवंत कर दिया।

एडीआर के प्रदेश कोऑर्डिनेटर अनिल शर्मा ने कहा कि २४ वर्ष की कानूनी लडाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में नोटा का अधिकार मतदाताओं को दिया था, लेकिन 5 वर्ष बाद भी संसद ने नोटा पर कोई कड़ा कानून नही बनाया है।

जब भी जन दबाव के चलते संसद में नोटा यदि चुनाव जीते तो उस सीट पर पुनः चुनाव हो यह कानून बन जायेगा, उस दिन हर राजनैतिक दल अपने गरीब किन्तु कर्मठ, ईमानदार, जुझारू तथा ऐसे समाज सेवी कर्यकर्ता को टिकट देने लगेगा, जिन्हें मतदाता नकार न पाए यानि यह कानून बनते ही सभी दलों से बाहुबली और धनबलियों की छुट्टी तय है।

एडीआर के राज्य प्रतिनिधि संतोष श्रीवास्तव ने कहा की मतदाताओं को यह जानना चाहिए की विधायकों ने आज अपना वेतन भत्ता सांसद से ज्यादा कर लिया है। सांसद को जहाँ आज 145000 रूपए प्रतिमाह अपना वेतनभत्ता मिल रहा है, वहीं विधायकों ने अपना वेतन भत्ता 195000 रूपए कर लिया है। पूर्व सांसद को 20000 रूपए प्रतिमाह पेंशन मिलती है। वही विधायकों ने अपनी पेंशन 33000 रूपए प्रतिमाह कर ली है।

कार्यक्रम अधिकारी जितेन्द्र यादव ने कहा कि मतदाताओं को अपने मांग पत्र बनाने होगे और चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों से यह लिखित आश्वासन लेना होगा की जब भी जन प्रतिनिध बनेंगे तब मांग पत्र की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करेंगे।

पूर्व जिला जज एवं एडीआर के प्रदेश कोर कमेटी के सदस्य शक्ति कांत श्रीवास्तव, दीपक अवस्थी और मुन्ना भाई ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इन चारों स्थानों पर सैकड़ों मतदाता मौजूद रहे।

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