- अंतिम पांच में लखनऊ, बनारस,इलाहाबाद, पंजाब, मेरठ के शिक्षक शामिल
ओम प्रकाश सिंह
अयोध्या। दीपोत्सव के पहले रामनगरी के डाक्टर राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में कुलपति के नाम की घोषणा हो सकती है। राजभवन में साक्षात्कार की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है।
इंटरव्यू के लिए अंतिम पांच में लखनऊ,बनारस,इलाहाबाद, पंजाब, मेरठ के शिक्षक शामिल हैं। यह भी एक संयोग है कि इस्तीफा दे चुके पूर्व दागी कुलपति की नियुक्ति भी चौथे दीपोत्सव के पहले ही हुई थी।
सूत्रों के अनुसार इंटरव्यू देने वालों में बीएचयू के एक प्रोफ़ेसर का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। बनारस के साथ अंतिम तीन की सूची में लखनऊ विश्वविद्यालय व मेरठ विश्वविद्यालय के एक एक शिक्षक शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार जो नाम चर्चा में हैं उनमें प्रो ओपी पांडे थापर यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, डॉ आर के सोनी मेरठ यूनिवर्सिटी, डॉ पवन अग्रवाल लखनऊ यूनिवर्सिटी, अरविंद मोहन श्रीवास्तव लखनऊ यूनिवर्सिटी व डाक्टर बृजेश सिंह बीएचयू से शामिल हैं। इनमें से डॉक्टर बृजेश सिंह, अरविंद मोहन श्रीवास्तव व डॉ आर के सोनी की संभावना ज्यादा बताई जा रही है।
मालूम हो कि बनारस के प्रोफेसर रविशंकर सिंह पटेल की नियुक्ति सन 2020 में अवध विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में हुई। शुरू में तो कुछ दिन सब ठीक-ठाक चला लेकिन उसके बाद कुलपति के सबसे विश्वस्त ओएसडी शैलेंद्र सिंह पटेल ने भ्रष्टाचार, अवैध नियुक्तियों, जातिवाद का ऐसा ताना-बाना बुना की कुलाधिपति श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कार्यकाल समाप्त होने के एक वर्ष पूर्व ही इस्तीफा ले लिया।
विश्वविद्यालय में हुई शिक्षक भर्तियों में अनियमितता, महाविद्यालय प्रबंधकों से वसूली, निर्माण कार्यों में लूट, दीपोत्सव के नाम पर वसूली जैसे आरोपों से घिरे दागी कुलपति के इस्तीफे के बाद प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर अखिलेश कुमार सिंह को कार्यवाहक कुलपति नियुक्त किया गया है।
दागी कुलपति का मास्टरमाइंड शैलेंद्र सिंह पटेल भूगोल का विद्यार्थी है और उसने अपनी नियुक्ति अर्थशास्त्र विभाग में नियमित शिक्षक के रूप में करा लिया है। मुख्यमंत्री, राज्यपाल से लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री तक रविशंकर सिंह पटेल के कारनामों की शिकायत हुई है। एक सेवानिवृत्त जज आरोपों की जांच कर रहे हैं।