न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। भारत में इन दिनों ऑटो सेक्टर तंगहाली में जी रहा है। देश में कारों और मोटरसाइकिलों में लगातार हो रही बिक्री गिरावट के चलते लाखों लोगों की नौकरी जा चुकी है। ये सिलसिला अभी भी बरकरार है। यदि ऐसा ही रहा तो देश मंदी से उबर नहीं पाएगा।
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मोदी सरकार के लिए इस संकट को बड़ी चुनौती माना जा रहा है। इस क्षेत्र के कई बड़े नाम कह रहे हैं कि सरकार को टैक्स में छूट जैसे कई उपाय करने की जरूरत है ताकि हालात को संभाला जा सके।
कारों और मोटरसाइकिलों की बिक्री में आई सुस्ती लाखों परिवारों के लिए आजीविका का संकट पैदा कर दिया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक बीते अप्रैल से अब तक मंदी ने ऑटो सेक्टर में करीब साढ़े तीन लाख लोगों की नौकरियां छीन ली हैं। जानकारों के मुताबिक आगे हालात और खराब होने की आशंका है।
भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर, जिसमें वाहन और उनके लिए कल- पुर्जे बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं, इन दिनों अपने सबसे बड़े संकट से दो- चार है। कई कंपनियां बंद हो गई हैं तो कइयों ने कम मांग के चलते अपनी उत्पादन क्षमता में कटौती कर ली है। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी को जून में यानी लगातार पांचवें महीने अपना उत्पादन घटाना पड़ा है।
इस साल जून में उसका उत्पादन 1,11,917 वाहन रहा जो पिछले साल इसी माह के 1,32,616 वाहनों के आंकड़े मुकाबले 15.6 प्रतिशत कम है। बीते महीने यानी जुलाई में उसकी बिक्री जुलाई 2018 के मुकाबले रिकॉर्ड 35.1 फीसदी कम हो गई।