कृष्णमोहन झा कुछ माह पूर्व कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत के वक्त अखबारों में मेरा एक लेख प्रकाशित हुआ था जिसमें मैंने कोरोना की दूसरी लहर को उस लापरवाही का नतीजा निरूपित किया था ज़ो कोरोना की पहली लहर के मंद पड़ने पर लगभग हर कूचे में दिखाई देने …
Read More »Utkarsh Sinha
बीना राय को थी फिल्मों में काम करने की जिद, कर दी भूख हड़ताल
प्रेमेन्द्र श्रीवास्तव लखनऊ की मुकद्दस सरजमीं ने बॉलीवुड को अनेक मशहूर व मारूफ फनकार दिये हैं। उनकी कला के जलवे मौसिकी, अदाकारी, फिल्म निर्देशन , नगमानिगारी, कहानी लेखन व स्क्रिप्ट राइटरिंग में सर्वविदित हैं। लखनऊ में पले बढ़े फनकारों की अगली कड़ी में प्रस्तुत हैं सुप्रसिद्ध अभिनेत्री कृष्णा सरीन उर्फ …
Read More »स्वास्थ्य महकमे में ट्रांसफर को लेकर मचा घमासान , सवालों से घिरे निदेशक प्रशासन
जुबिली न्यूज ब्यूरो यूपी में तबादलों का सीजन भले ही खत्म हो गया हो मगर जिलों में हुए स्वास्थ्य महकमे के लिपिकों के स्थानांतरण को लेकर घमासान मचा है। सूबे के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय के निदेशक प्रशासन ने एक झटके में लगभग 60 प्रतिशत से अधिक लिपिक वर्गीय …
Read More »बड़े अदब से : ये रास्ते पहाड़ के…
आज बाढ़ की बाढ़ सी आयी हुई है। पहाड़ों पर तो पानी ढोेने वाले बादल फटे पड़ रहे हैं। मानो सरकारी काम कर रहे हो ‘यहीं उड़ेल दो कौन चेक कर रहा है!” लोग बादलों से रहम की गुहार लगा रहे हैं कि भइये रेगिस्तान का दिशा मैदान देख लो। …
Read More »नौशाद से कोई नहीं छुड़ा पाया आखिरी दम तक लखनऊ
प्रेमेन्द्र श्रीवास्तव लखनऊ में पैदा हुए फनकारों की दूसरी कड़ी में प्रस्तुत हैं संगीत सम्राट नौशाद अली साहब। नौशाद साहब के इंतकाल के बाद उनकी नानी के घर से एक खत मिला जिसमें उन्होंने लखनऊ को बेइंतिहा मिस करने के साथ ही बचपन की यादें फिर से ताजा करते हुए …
Read More »शेर ओ शायरी की नशिस्त का वो शाहजादा
प्रदीप कपूर कल प्रिय मित्र विजय आचार्य से बात हो रही तो अचानक लाल बिहारी टंडन ग्रुप के विनोद टंडन जी और उनके घर होनेवाली शेरों शायरी की नशिस्तों का जिक्र होने लगा। हुआ यह की बहुत साल पहले एनबीआरआई में टहलते हुए डा. नसीम जमाल से लगातार शायरी …
Read More »दिलीप कुमार कौन सी छवि हमारे मन में बसती है?
दिनेश श्रीनेत दिलीप कुमार कौन सी छवि हमारे मन में बसती है? दुनिया से हारे, प्रेम में शिकस्त खाए, समाज से ठुकराए हुए इंसान की? या एक विद्रोही नौजवान जो समाज के सबसे निचले तबके और दबे-कुचले लोगों की आवाज बन जाता है। दिलीप कुमार ने जब बांबे टॉकीज़ के …
Read More »टोक्यो ओलंपिक ने भारतीय हॉकी टीम के लिए फिर जगाई उम्मीद
जफर इकबाल टोक्यो में ओलंपिक खेल होने जा रहे हैं और जैसे-जैसे तारीख नजदीक आ रही है, उत्साह बढ़ता जा रहा है। हर गुजरते दिन के साथ अनिश्चितता दूर हो रही है। मेरे खेलने के दिनों से भी बहुत पहले से ओलंपिक खेल कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत …
Read More »थरथराती आवाज का वो सुरीला जादूगर
प्रेमेन्द्र श्रीवास्तव लखनऊ की मुकद्दस सरजमीं ने बॉलीवुड को अनेक मशहूर व मारूफ फनकार दिये हैं। उनकी कला के जलवे मौसिकी, अदाकारी, फिल्म निर्देशन , नगमानिगारी, कहानी लेखन व स्क्रिप्ट राइटरिंग में सर्वविदित हैं। लखनऊ पैदा हुए फनकारों की पहली कड़ी में प्रस्तुत हैं गजल सम्राट तलत महमूद साहब। तलत …
Read More »संकल्प लें आपदा से उभरकर देश को मजबूत बनाने का
सुधीर कुमार कोरोना काल के कई कहावतों के मायने ही बदल दिए। साकात्मक सोच वाली कहावत आपदा को अवसर में बदलने को लोगों ने अपनी स्वार्थी व सीमित सोच के चलते कलंकित कर दिया। लोगों ने आपदा में घिरे लोगों की मजबूरी का बहुत बेशर्मी से फायदा उठा और अपनी …
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