जुबिली न्यूज डेस्क
देशभर में आज दशहरा मनाया जा रहा है. दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, दशहरा का यह पावन पर्व हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की बिजय के रूप में मनाया जाता है. देशभर शस्त्र पूजन की जाएगी और रावण दहन भी किया जाएगा. विजयादशमी पर पूजन और रावण दहन शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए. आज के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है? इस बारे में जान लीजिए.
पूजन और रावण दहन का शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि 4 अक्टूबर को दोपहर 2. 20 मिनिट पर शुरू होगी जो 5 अक्टूबर दोपहर 12 बजे तक रहेगी. विजयदशमी पूजन का शुभ मुहूर्त प्रात: 7.44 से प्रात: 9.13 तक और इसके बाद प्रात: 10.41 से दोपहर 2.09 बजे तक रहेगा. वहीं दशहरे पर विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से शुरू होगा जो कि 02 बजकर 54 मिनट पर खत्म हो जाएगा यानी कुल 47 मिनिट का समय मिलेगा.
इन मुहूर्त में ना करें कोई काम
दशहरे के दिन राहू काल, यमगण्ड, गुलिक काल और दुर्मुहूर्त भी होते हैं जिसमें कोई भी शुभ काम करने से बचना चाहिए. इसलिए नीचे बताए समय में शुभ काम करे से बचें.
राहुकाल- 12:09 PM से 01:38 PM
यमगण्ड- 07:44 AM से 09:13 PM
गुलिक काल- 10:41 AM से 12:09 PM
दुर्मुहूर्त- 11:46 AM से 12:33 PM
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दशहरा का महत्व
गौरतलब है कि जब रावण ने माता सीता का अपहरण करने के बाद रावण और प्रभु श्रीराम के बीच यह युद्ध दस दिनों तक चलता रहा. अंत में आश्विन शुक्ल दशमी तिथि को भगवान राम ने मां दुर्गा से प्राप्त दिव्यास्त्र की मदद से अहंकारी रावण का अंत कर दिया. रावण की मृत्यु को असत्य पर सत्य और न्याय की जीत के उत्सव के रूप में मनाया जाता है. प्रभु राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी इसलिए यह दिन विजयादशमी कहलाया. इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध भी किया था. महिषासुर नामक इस दैत्य ने तीनों लोक में उत्पात मचाया था. देवता भी जब इस दैत्य से परेशान हो गए थे. देवताओं को और पूरी दुनिया को महिषासुर से मुक्ति दिलाने के लिए देवी ने आश्विन शुक्ल दशमी तिथि को महिषासुर का अंत किया था. देवी की विजय से प्रसन्न होकर देवताओं ने विजया देवी की पूजा की और तभी से यह दिन विजया दशमी कहलाया. साथ ही इस दिन अस्त्रों की पूजा भी की जाती है. भारतीय सेना भी इस दिन शस्त्रों की पूजा करती है.
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