जुबिली न्यूज डेस्क
कानपुर के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे मामले में एक ऑडियो वायरल हुआ है। यह ऑडियो उस समय का है जब पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथी बम व गोलियों से हमला कर रहे थे।
यह ऑडियो दो जुलाई की रात घटना के समय का है, जब पुलिस टीम पर हमला हुआ और तभी एसओ ने इसकी जानकारी तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार को दी थी। दोनों के बीच बातचीत का ऑडियो अब वायरल हो रहा है।
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विकास दुबे कितना खतरनाक था इसका अंदाजा सभी को था, बावजूद इसके पुलिस ने सही रणनीति नहीं बनाई। इस ऑडियो में भी सबसे खास बात यही है कि एसओ को भी मालूम था कि विकास दुबे खतरनाक है।
बातचीत में एसओ कहता भी है कि हां मुझे मालूम था विकास दुबे कुछ भी कर सकता है। ऐसे में जानकार कह रहे हैं कि अगर पुलिस ने सही रणनीति बनाई होती तो आठ पुलिसकर्मियों की हत्या नहीं होती।
इस ऑडियो में एसओ और एसएसपी के बीच कुछ इस तरह से बातचीत हुई है।
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एसओ : सर मैं बोल रहा हूं
एसएसपी : कौन एसओ बोल रहे हो
एसएसपी : कितने लोग हैं वे और किधर से गोलियां चला रहे है वो सब
एसओ : 5 से 7 लोग या अधिकतम 10 लोग गोली चला रहे हैं। गोली विकास दुबे के घर से चलाई जा रहीं हैं। आसपास के घरों से भी हो सकता है। वहां से भी गोलियां चलीं, लेकिन अंधेरे की वजह से कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
एसएसपी : उन्हें पता था क्या कि पुलिस फोर्स आने वाली थी ।
एसओ : जी, उन्हें पता है कि पुलिस है।
एसएसपी : अब तक कितने लोग घायल हुए हैं? दो लोग
एसओ : जी, अब चार सिपाही हो गए हैं, चारों को बाहर निकाला गया है।
एसएसपी : उनके पास कौन से हथियार हैं ?
एसओ : 315 बोर की रायफल, पिस्टल के साथ हमलावर बम का भी उपयोग कर रहे हैं।
एसएसपी : क्या तुम्हें पता था कि विकास दुबे इतना खतरनाक आदमी है। उसके साथ चार पांच हथियारबंद बदमाश हर समय रहते हैं और वह बम भी चला सकता है।
एसओ : जी सर, मैं जानता था, मुझे अंदेशा था, इसीलिए मैंने आपको बताया था और फोर्स मांगी थी।
एसएसपी : (बीच में एसओ की बात काटते हुए) नहीं तुमने मुझे यह नहीं बताया था कि इसके साथ चार-पांच बदमाश हर समय रहते हैं और यह बम भी चला सकता है।
एसओ : उन लोगों ने गाडिय़ां सड़क पर ही छोड़ दी थीं। गोलियां चली तो सभी तितर-बितर हो गए कौन कहां हैं? किसी को नहीं पता।
एसएसपी: सीओ कहां है ?
एसओ : वहीं है।
एसएसपी : बात हुई।
एसओ : नहीं, एक मोबाइल गाडृ़ी है दूसरा मिल नहीं रहा।
एसएसपी : क्या स्थिति है? अंदर फंसे सिपाहियों को बाहर निकाल पाए या नहीं, अभी सिपाही फायरिंग कर रहे हैं या नहीं।
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एसओ : सर, 15 से 20 मिनट फायरिंग हुई थी। अब फायर नहीं हो रहे हैं और किसी को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। विकास का घर गांव के बीचोंबीच है। पुलिस टीम ने उसको चारों ओर से घेरा था, इसी बीच फायरिंग शुरू हो गई। कितने पुलिसकर्मियों को गोली लगी है कुछ नहीं पता।
एसएसपी : जरूर तुम्हारे थाने से पहले ही किसी ने बता दिया होगा कि दबिश पडऩे वाली है।
इसके जवाब में एसओ कोई उत्तर नहीं दे सका।
एसएसपी : अंदर कितने लोग फंसे हुए हैं?
एसओ: 15 से 16 लोग अभी अंदर हैं। जितनी जल्दी हो सके ज्यादा से ज्यादा फोर्स भेज दें।
एसएसपी : वह खुद आ रहे हैं।