जुबिली स्पेशल डेस्क
बांग्लादेश में हिंदुओं के करीब 20 घरों को आग लगाए जाने की बात सामने आ रही है। इतना ही नहीं हिन्दुओं के करीब 66 मकानों पर हमला हुआ और जमकर तोडफ़ोड़ हुई है।
स्थानीय मीडिया की माने तो बांग्लादेश में हिंसा कथित ईशनिंदा वाली पोस्ट की वजह से हुई है। मामला कल रात यानी रविवार रात का बताया जा रहा है।
ढाका से करीब 255 किलोमीटर दूर एक गांव में इस तरह का बड़ा हमला देखने को मिला है। जिले के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद कमरुज्जमां इस पर बयान दिया है और कहा है कि गांव के एक युवा हिंदू व्यक्ति की एक फेसबुक पोस्ट में ‘धर्म का अपमान’ करने की अफवाह फैली थी, जिसके बाद तनाव बढ़ गया और पुलिस मछुआरों की एक कॉलोनी में पहुंच गई लेकिन तभी हमलावरों ने आसपास के मकानों को आग के हवाले कर दिया है। आनन-फानन में दमकल की गाडिय़ां पहुंच गई और आग को काबू कर लिया गया है।
बता दें कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हिंसा का मामला थमने का नाम नहीं ले रही है। अभी कुछ दिन पूर्व दुर्गा पूजा के पंडालों पर भी हमला हुआ था और अब रविवार को रंगपुर में उपद्रवियों ने कई हिंदुओं के घर हमला बोला और वहां पर आग लगा दी है। इसको लेकर बांग्लादेश की सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है और सवालों के घेरे में है।
उधर बांग्लादेश की लेखिका और इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ मुखर रहने वाली तसलीमा नसरीन ने इस पूरे मामले में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना पर जमकर हमला बोला है।
उन्होंने ट्वीट किया है और बांग्लादेश सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा है कि जब हजारों हिंदू बांग्लादेश में बेघर हो चुके हैं क्योंकि उनके घरों को ढहा दिया गया या जला दिया गया है और पीएम शेख हसीना आज अपने भाई शेख रसेल का जन्मदिन मना रही हैं।
उन्होंने इसके अलावा एक और ट्वीट में लिखा कि बांग्लादेश के पीरगंज, रंगपुर में हाहाकार मचा हुआ है। तसलीमा ने लिखा है, दो हिंदू गांवों को जिहादियों ने जला दिया है और हसीना बांसुरी बजा रही हैं. तसलीमा नसरीन ने इस मुद्दे पर लगातार कई ट्वीट्स किए हैं।
उन्होंने ट्विटर पर अल्पसंख्यकों पर हमले के खिलाफ हिंदुओं के प्रदर्शन का एक वीडियो भी शेयर किया है।बांग्लादेश में कई दिनों से सांप्रदायिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है।
बांग्लादेश हिंदू बुद्धिस्ट क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल ने आरोप लगाए हैं कि चांदपुर और नोआखाली में हमलों में कम से कम 4 हिंदू श्रद्धालुओं की मौत हुई है। अब देखना होगा बांग्लादेश सरकार इन चीजों को कैसे रोकती है।