प्रमुख संवाददाता
नई दिल्ली। लुधियाना के अपोलो अस्पताल में भर्ती एसीपी अनिल कोहली की कोरोना ने जान ले ली। कोहली पिछले कई दिन से वेंटीलेटर पर ज़िन्दगी और मौत की जंग लड़ रहे थे। अंतत: ज़िन्दगी के सामने मौत जीत गई। अनिल कोहली को 13 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। उनकी पत्नी और ड्राइवर को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।
प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज करने की इजाज़त मिलने के बाद डॉक्टरों की टीम ने इस थैरेपी के ज़रिये अनिल कोहली का इलाज करने का फैसला किया था लेकिन इलाज शुरू होने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया। एसीपी अनिल कोहली का इस थैरेपी के ज़रिये इलाज होता तो यह पंजाब का पहला केस होता जिसमें प्लाज्मा थैरेपी का प्रयोग किया जाता।
प्लाज्मा थैरेपी को काफी कारगर तकनीक माना जाता है। कोरोना की जंग जीतने वालों के खून से प्लाज्मा निकालकर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को चढ़ाने का फैसला किया गया है। दरअसल कोरोना को हराने वालों के खून में कोरोना वायरस से लड़ने की ताकत ज्यादा होती है। अपनी इसी ताकत की वजह से मरीज़ इस वायरस से मुक्त हो पाता है।
बताया जाता है कि लुधियाना के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर अनिल कोहली के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद आनन-फानन में उनकी पत्नी, ड्राइवर और उनके सम्पर्क में आने वाले 24 पुलिस कर्मियों का टेस्ट किया गया। सभी को तत्काल कोरंटाइन किया गया। जांच रिपोर्ट में पत्नी और ड्राइवर को संक्रमित पाया गया। दोनों का इलाज शुरू कर दिया गया है।