जुबिली स्पेशल डेस्क
असम की सरकार ने सरकारी मदरसे को लेकर बड़ा फैसला लिया है। दरअसल यहां पर जितने भी सरकारी मदरसे है उनको सरकार ने बंद करने का फरमान जारी कर दिया है।
सरकार के इसके पीछे तर्क दिया है कि जनता के पैसों की फिजूलखर्ची अब नहीं होगी। असम सरकार की माने तो जनता के पैसे से धार्मिक शिक्षा का प्रावधान नहीं है. ये आदेश असम के संस्कृत स्कूलों पर भी लागू होगा।
दूसरी ओर सरकार के इस कदम पर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इतना ही नहीं विपक्ष के नेता बदरुद्दीन अजमल ने अगर उनकी सरकार आती है तो इस फैसले को पलट दिया जाएगा और फैसला वापस होगा।
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असम सरकार में मंत्री हेमंता बिस्वा शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हम अगले माह से सरकार संचालित सभी मदरसों को बंद कर देंगे। सरकार इस संबंध में अधिसूचना जारी कर देगी। बिस्व सरमा ने कहा कि सरकार ने स्नेह स्पर्श नाम से एक योजना शुरू की है।
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इस योजना के तहत 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे का लिवर, किडनी या अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण सरकार द्वारा मुफ्त किया जाएगा। हर महीने की 10 तारीख को शिविर लगाया जाएगा, ताकि हर किसी के लिए यह योजना उपलब्ध हो सके। राज्य सरकार इस योजना के लिए धन देगी।
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AIUDF के मुखिया और लोक सभा सांसद बदरुद्दीन अजमल कहा कि अगर भाजपा की राज्य सरकार सरकारी मदरसा बंद करे देगी तो उनकी सरकार इन्हें फिर से खोल देगी। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। उनकी पार्टी बहुमत से आई तो वह सरकार के बंद किए गए सारे मदरसे फिर से खोल देंगे।