चारु खरे
कहते हैं ‘परिस्थितियां कभी अनुकूल नहीं होती उन्हें अनुकूल बनाना पड़ता है’ और इसकी बानगी हमें नेटफ्लिक्स की कई सीरीज में नजर आ चुके ‘आसिफ़ खान’ के रूप में देखने को मिली। आसिफ़ ने तमाम युवाओं को यह साबित कर दिखाया कि दिल में अगर जज्बा, उम्मीद, और जुनून हो तो नामुमकिन को भी मुमकिन कर दिखाना कितना आसान है।
कई नाटकों, फिल्मों में छोटा-मोटा किरदार करने के बाद जब आसिफ ने सीरीज की दुनिया में कदम रखा, तो उनकी जिंदगी में ज़्यादा बदलाव नहीं आए। हालांकि तब उन्होंने अपने इन्हीं छोटे-छोटे किरदारों से अपनी पहचान बना ली। पंचायत में दूल्हे राजा का किरदार निभाया, तो हजारों मीम्स वायरल होने लगे।
पाताललोक में आए तो एक न्यूड सीन को इतने बेहतर ढंग से परफॉर्म किया कि लोग चौंक गए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी समय आसिफ ने किस तरह से परिस्थितियों से लड़ा और हालातों का डटकर सामना किया। शायद नहीं ! हमने उनसे कुछ ख़ास बातचीत की और उनका सफर जाना।
सवाल : लाइफ चेंजिंग मूमेंट कौनसा था ?
आसिफ : जिस दिन मैंने यह सोच लिया कि मुंबई जाना है, एक्टर बनना है वही मेरी लाइफ का टर्निंग पॉइंट रहा।
सवाल : किस रोल से आपकी पहचान मजबूत हो गई?
आसिफ : जामताड़ा में मैंने एक पत्रकार का रोल किया था, उससे मुझे काफी अच्छा फीडबैक मिला। जामताड़ा वर्ल्डवाइड सीरीज थी। उसके बाद ऐसा हुआ जब हम सड़कों पर घूमते थे, तो लोग फोटो लेने तक आ जाते थे।
सवाल : पाताललोक में न्यूड सीन करने के लिए खुद को और फैमिली को कैसे तैयार किया ?
आसिफ : मैंने इसके लिए वर्कशॉप की थी। फिर जब मैंने मम्मी को बोला कि कपड़े उतारने हैं तो वो थोड़ी डर गई। उन्हें लगा कोई इंटिमेसी का सीन है। इसपर मैंने उन्हें बताया कि जयदीप अहलावत, तो वो और डर गई। उन्हें लगा कि लड़के के साथ है। फिर मैंने उन्हें समझाया कि यह एक इंट्रोगेशन सीन है। कुछ दिन बाद वो मानी। सेट पर 50 से 60 लोग होते हैं। सीन शूट करने में 5 घंटे लगे। तो काफी दिमाग को स्थिर करना पड़ा मुझे।
सवाल : पसंदीदा एक्टर कौन है, जिनसे कुछ सीखा हो ?
आसिफ : मुझे इरफ़ान खान सर बहुत पसंद थे। और हमेशा रहेगा। जब हासिल और मकबूल देखी तो उन्हें देखकर लगा कि मैं भी साइड करैक्टर से हटकर लीड रोल कर सकता हूँ।
सवाल : पंचायत पार्ट-2 में क्या आप नजर आएंगे ?
आसिफ : जी आशा है ! मैंने इनके लेखक ‘चन्दन कुमार’ को यह कहा कि प्लीज इस बार दूल्हे का कैरेक्टर बढ़ाकर लिख दो। अमूमन मुझे डायरेकटर पहले पार्ट में मार देते हैं।
सवाल : अग्निपथ और परी में होने के बावजूद आप नजर नहीं आए? ऐसे समय में खुद को कैसे संभाला ?
आसिफ : परी में मेरे चार से पांच सीन थे। मैंने पूरे मोहल्ले में बोल दिया था कि मैं अनुष्का शर्मा के साथ मूवी में हूँ। मेरे दोस्त मूवी देखने गए और लगा कि ये रात तक आएंगे और बताएंगे, मजा आएगा। फिर किसी का कोई कॉल नहीं आया, कुछ नहीं हुआ। फिर जब मैंने पूछा तो कहते हैं वो कि ‘तुम नहीं हो फिल्म में’ तो बहुत बुरा लगा मुझे। लेकिन फिर यह सोचकर खुद को संभाला कि लड़ाई बहुत लंबी है। तो परेशान होने का फायदा नहीं है।
सवाल : आप जैसे अन्य आसिफ, जो एक्टिंग की दुनिया में आना चाहते हैं उनके लिए आपकी क्या एडवाइस है ?
आसिफ : सभी भाइयों से मेरा कहना है जो भी मुंबई इस करियर के लिए आना चाहते हैं, तो खुद को तैयार करके आएं। प्रॉपर ट्रेनिंग लेकर आएं। मैं खुद भी लोगों को अपने शहर में इसके लिए तैयार करता था। ताकि मेरे बाहर निकलने पर जो साथ के लोग हैं मेरे, उनमें कहीं न कहीं वो चीज जिन्दा रहे।
सवाल : आने वाले प्रोजेक्ट्स कौन से हैं ?
आसिफ : जी ! मिर्जापुर -2 और पगलेट, ये दो ऐसे प्रोजेक्ट्स हैं, जो शायद लॉकडाउन के बाद रिलीज़ किए जाएंगे।
(चारु खरे के साथ आसिफ खान की फोन पर हुई बातचीत के आधार पर)