- सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर के अंदर हिंदू और मुस्लिम पक्ष के 16 लोग जाएंगे
- मुस्लिम पक्ष ने किया बायकॉट
जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इस वक्त वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद लगातार सुर्खियों में है। दरअसल वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर लगातार विवाद हो रहा है और मामला कोर्ट तक जा पहुंचा है। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने है।
इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में आज से आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया सर्वे शुरू हो रहा है। स्थानीय मीडिया की माने तो सर्वे के लिए टीम ज्ञानवापी मस्जिद में दाखिल हो गई है।
हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता और वकील भी सर्वे के दौरान परिसर में मौजूद है लेकिन मुस्लिम पक्ष इस सर्वे में शामिल होने से किनारा कर लिया है।
जानकारी मिल रही है कि मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर आज सुनवाई हो सकती है।
हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि सभी लोग वहां पहुंच गए हैं. सर्वेक्षण शुरू हो गया है।
बता दे कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई को सर्वे जारी रखने की अनुमति दे दी है. अदालत ने एएसआई के एक अधिकारी से भी यह समझने की कोशिश की है कि क्या ज्ञानवापी के ढांचे को बिना कोई नुक़सान पहुँचाए वैज्ञानिक सर्वे हो सकता है या नहीं।
#WATCH | Varanasi, UP: On ASI survey of the Gyanvapi mosque complex, Subhash Nandan Chaturvedi, Advocate representing the Hindu side on the Gyanvapi case says, "All people (including ASI officials) have reached there. The survey has started. We are also going inside." pic.twitter.com/vZgDXfldMW
— ANI (@ANI) August 4, 2023
बनारस के ज़िला जज ने जांच में ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार से खुदाई कर आधुनिक तरीक़े से जांच करने के आदेश दिए. ज्ञानवापी मस्जिद का ढांचा इसी प्लॉट नंबर 9130 पर स्थित है। ज़िला जज ने अपने आदेश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मई 2022 के आदेश से सील किए गए वज़ुखाने का सर्वे नहीं होगा।
हिन्दू पक्ष का दावा है कि वज़ुखाने में एक कथित शिवलिंग मिला है। लेकिन मुस्लिम पक्ष का कहना है की वो वज़ुखाने का फव्वारा है. ज़िला जज ने एएसआई को अपना सर्वे कर रिपोर्ट चार अगस्त तक सौंपने को कहा है।