जुबिली स्पेशल डेस्क
बीते कुछ दिनों से भारतीय टीम सुर्खियों में है। दरअसल इन दिनों भारतीय क्रिकेट में कप्तानी को लेकर रार देखने को मिल रही है। विराट कोहली अब केवल टेस्ट टीम के कप्तान रह गए है जबकि भारतीय टीम का अब कोच भी बदल दिया गया है।
रवि शास्त्री की जगह अब राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के कोच है। रवि शास्त्री के जाने के बाद से उनकी कोचिंग को लेकर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल भारत के स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री को लेकर बड़ा बयान दिया है।
मौजूदा वक्त में टीम इंडिया के सबसे बेस्ट ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अपने करियर को लेकर भी बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया है कि एक वक्त ऐसा भी आया था जब उन्होंने 2018 में संन्यास लेने का मन बना लिया था। एक मीडिया रिपोट्र्स की माने तो अश्विन ने 2018 से 2020 के दौरान कई बार उन्होंने क्रिकेट से संन्यास लेने के बारे में सोचा था।
इस दौर में उनकी फॉर्म और फिटनेस उनका साथ नहीं दे रही थी। आलम तो यह रहा था कि छह गेंद करने के बाद ही उनकी सांस फूलने लगती थी, पूरा शरीर थक जाता था। घुटने का दर्द बढऩे पर वो छोटी जंप लेकर गेंदबाजी करने की कोशिश करते थे और जल्दी थक जाते थे।
एक अन्य मीडिया रिपोट्र्स को ऑफ स्पिनर अश्विन उस समय काफी आहत हो गए थे जब रवि शास्त्री द्वारा कुलदीप यादव को 2019 में सिडनी में भारत का नंबर 1 विदेशी स्पिनर करार दिया था ।
रविचंद्रन अश्विन ने कहा, ‘मैं रवि भाई को काफी सम्मान देता हूं, हम सभी देते हैं । लेकिन मैं सोचता हूं कि हम सभी कुछ बातें कह सकते हैं और फिर उन्हें वापस ले सकते हैं. लेकिन तब के लिए मैं काफी कुचला हुआ महसूस कर रहा था । रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि हम इन बातों को कहते हैं कि कैसे आपके साथी की सफलता कितनी मायने रखती है, मैं कुलदीप के लिए काफी खुश था । जो मैं नहीं कर पाया था, वो कुलदीप ने तब किया था । अश्विन ने कहा कि तब ऐसा लगा कि मुझे अकेले छोड़ दिया गया है, ऐसे में मैं कैसे पार्टी में चला जाता?
उन्होंने कहा कि वह अपने कमरे में गए, पत्नी और बच्चों से बात की. उसके कुछ देर बाद वह बाहर गए और टीम के साथ पार्टी की ।क्योंकि वह टीम के लिए एक बड़ी चीज़ थी.ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि रवि भाई ने जब बातें कहीं मैं चूर-चूर था, मैं ऐसे कई लोगों को जानता हूं जो ऐसी बातों को दिल से लगा लेते हैं लेकिन मैं उनमें से नहीं हूं । मेरा मानना है कि हर मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है. लोगों के व्यवहार बदलते हैं, जो लोग आज आपके लिए बुरे हैं वो कल बेहतर भी हो सकते हैं ।