स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। वारिस पठान इन दिनों सुर्खियों में है। दरअसल वारिस पठान अपनी जुब़ान की वजह से मीडिया में चर्चा का केंद्र बने हुए है। आलम तो यह है कि वारिस पठान की आदत में भड़काऊ भाषण शुमार हो चुका है। उनका एक बयान उनकी खुद की पार्टी के लिए गले ही हड्डी बन गया है। दरअसल वारिस पठान ने कहा था कि ‘हम 15 करोड़ ही 100 करोड़ लोगों पर भारी हैं। यह बात याद रख लेना।
उनके इस बयान को लेकर राजनीति भी तेज हो गई थी।
#WATCH AIMIM leader Waris Pathan: …They tell us that we've kept our women in the front – only the lionesses have come out&you're already sweating. You can understand what would happen if all of us come together. 15 cr hain magar 100 ke upar bhaari hain, ye yaad rakh lena.(15.2) pic.twitter.com/KO8kqHm6Kg
— ANI (@ANI) February 20, 2020
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इतना ही नहीं बीजेपी ने पाठन पर जोरदार हमला बोला था। ऐसे में उनकी पार्टी ने ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने उनके बयान पर विरोध किया और असदुद्दीन ओवैसी ने भी उनके इस बयान पर ऐतराज जताते हुए निंदा की थी।
अब पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक्शन लेते हुए वारिस पठान के मीडिया से बात करने पर रोक लगा दी है। अब जब तक पार्टी इजाजत नहीं देगी तब तक वारिस पठान सार्वजनिक रूप से बयान नहीं दे पाएंगे। वारिस पठान ने यह बयान कर्नाटक के गुलबर्गा में जनसभा के दौरान कही थी।
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वारिस पठान ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन का जाना-माना चेहरा है और मीडिया में अक्सर उनका बयान चर्चा में रहता है। उन्होंने एक रैली में कहा था कि हमने ईंट का जवाब पत्थर से देना सीख लिया है। मगर हमको इक_ा होकर चलना पड़ेगा। आजादी लेनी पड़ेगी और जो चीज मांगने से नहीं मिलती है, उसको छीन लिया जाता है।
Vaniyambadi, Tamil Nadu says NO to #CAA_NRC_NPR. pic.twitter.com/xFfAk0gxKx
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 19, 2020
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हालांकि अपने बयान पर उन्होंने सफाई देने की कोशिश करते हुए कहा था कि मैंने किसी धर्म का नाम नहीं लिया और ना ही किसी के खिलाफ कुछ कहा। हालांकि, उन्होंने इस बयान पर माफी नहीं मांगी थी। कुल मिलाकर देश की राजनीति में भड़काऊ भाषण देना अब आम बात हो गई है। सत्ता हासिल करने के लिए नेताओं की जुब़ान फिसलती रहती है।
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