जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। देश के कई राज्यों में गर्मी लगातार बढ़ रही है। हालात मार्च के अंतिम सप्ताह से ही खराब होने लगे थे और अप्रैल माह में गर्मी चरम पर जा पहुंची है। जैसे-जैसे पारा बढ़ रहा है वैसे-वैसे बिजली कटौती का खेल भी शुरू हो गया है।
जानकारों की माने तो लोगों को बिजली कटौती के संगट से जूझना पड़ सकता है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कोयले की सप्लाई का कम होना। बताया जा रहा है कि देश में बिजली की मांग 38 साल के उच्चतम स्तर पर है और कोयले की सप्लाई बीते 9 सालों में सबसे कम है।
देश के कई हिस्सों में बिजली कटौती भी खूब देखने को मिल रही है। बता दें कि कोरोना का कहर कम होने के बाद लोगों की जिंदगी पटरी पर लौटने लगी थी और इंडस्ट्रीज ने रफ्तार पकड़ी है।
इस वजह से काफी ज्यादा है। इस वजह से बिजली संकट का खतरा लगातार बढ़ रहा है। भयंकर गर्मी के मौसम में बिजली की आँख-मिचौली भी जारी है इस वजह से लोगों का न दिन चैन से कट पा रहा है और न ही रात में ही सुकून मिल रहा है।
यूपी समेत पूरा उत्तर भारत इन दिनों भीषण गर्मी की जद में आता नजर आ रहा है। अप्रैल में मई-जून का अहसास हो रहा है। इसके साथ ही पंजाब, यूपी, बिहार, आंध्र प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और तेलंगाना में बीते कुछ दिनों पावर कट की समस्या भी खूब देखने को मिल रही है। वही ग्रामीण इलाकों में भी बड़े पैमाने पर बिजली में कटौती हो रही है।
महाराष्ट्र में भी संकट देखने को मिल रहा है। दरअसल यहां पर कोयले की सप्लाई के चलते अब अनिवार्य कटौती देखी जा सकती है। वहीं गर्मी को देखते हुए गुजरात और तमिलनाडु ने आपूर्ति बनाए रखने के लिए अधिक कीमत पर बिजली की खरीदनी शुरू कर दी है।
जानकारों की माने तो डिमांड के मुकाबले बीते सप्ताह देश में 1.4 फीसदी बिजली की कमी देखने को मिली है। वहीं इससे पहले बीते साल अक्टूबर में ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है। जब यह कमी 1 फीसदी की ही थी।