जुबिली स्पेशल डेस्क
35 साल पुराने रोड रेज मामले में सजा काटने के बाद आखिरकार नवजोत सिंह सिद्धू बाहर आ गए है। जेल से बाहर आए नवजोत सिंह सिद्धू के तेवर और कड़े नजर आ रहे हैं।
उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस नेता सिद्धू ने कहा, लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं बची है। पंजाब में राष्ट्रपति शासन लाने की साजिश की जा रही है, अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।
सिद्धू यहीं नहीं रूके उन्होंने सीधे तौर पर मोदी सरकार को चुनौती दे डाली और कहा है कि पंजाब को कमजोर करने की कोशिश की तो खुद कमजोर हो जाओगे।
वहीं राहुल गांधी को लेकर भी नवजोत सिंह सिद्धू ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने राहुल गांधी को क्रांति कहा। उन्होंने कहा, जब-जब देश में तानाशाही आई, तब-तब क्रांति आई।
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, उसी क्रांति का नाम राहुल गांधी है। वह सरकार को हिला देंग। इसके अलावा नवजोत सिद्धू ने आरोप लगाया कि जेल में मेरे साथ षड्यन्त्र हुआ। मुझे दोपहर के आसपास रिहा किया जाना था लेकिन उन्होंने इसमें देरी की। वे चाहते थे कि मीडिया के लोग चले जाएं।
क्या है मामला?
नवजोत सिद्धू का वर्ष 1988 में पटियाला में पार्किंग को लेकर झगड़ा हुआ था। झगड़ा इतना ज्यादा बढ़ गया था कि इसमें एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1 हजार का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया लेकिन इसके खिलाफ पीडि़त पक्ष ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी।
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इसके बाद अब इसमें फैसला आया है। बता दें कि धारा 323 के अनुसार, जो भी व्यक्ति (धारा 334 में दिए गए मामलों के सिवा) जानबूझ कर किसी को स्वेच्छा से चोट पहुँचाता है, उसे अधिकतम एक साल जेल की सजा का प्रावधान है। सिद्धू ने पिछले साल 20 मई को तब जेल में सरेंडर किया था जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी।