जुबिली न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दे दी. जज जस्टिस संजीव खन्ना और जज जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार केजरीवाल को दो जून को आत्मसमर्पण करना होगा और जेल वापस जाना होगा. वहीं अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने पर ममता बनर्जी समेत कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने के बाद समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ फोटो शेयर कर लिखा- दिल्ली के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी की जमानत सत्य की एक और जीत है. ‘इंडिया गठबंधन’ की शक्ति और एकजुटता भाजपा के दुख-दर्द देनेवाले राज से भारत की जनता को मुक्ति दिलवाने जा रही है. एकजुट होकर मतदान का संकल्प लें!
ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “मुझे ये देखकर बहुत ख़ुशी मिली है कि अरविंद केजरीवाल को अंतरिम ज़मानत मिल गई है. मौजूदा चुनावों के संदर्भ में ये बहुत मददगार होगी.”
आदित्य ठाकरे
वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल को देश में तानाशाही शासन के ख़िलाफ़ राहत मिलना बदलाव की हवा का बड़ा संकेत है.
आदित्य ठाकरे
आप नेता राघव चड्ढा ने कहा कि हर देशवासी की आंखें ख़ुशी से नम हैं, उनके भाई उनके बेटे अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आने वाले हैं.आज शाम जेल के ताले टूटेंगे, केजरीवाल छूटेंगे. लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का दिल की गहराइयों से आभार. इंक़लाब ज़िंदाबाद, अरविंद केजरीवाल ज़िंदाबाद!
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हालांकि पीठ ने केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंघवी के इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया कि उन्हें चार जून को होने वाली मतगणना के एक दिन बाद पांच जून तक अंतरिम जमानत दी जाए. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चुनाव प्रचार के आधार पर केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए न्यायालय में कहा कि ऐसा कोई पूर्व उदाहरण नहीं है.
न्यायालय ने कहा कि केजरीवाल को 21 दिन के लिए अंतरिम जमानत देने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. शीर्ष अदालत मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के पिछले महीने के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई कर रही थी.