जुबिली स्पेशल डेस्क
लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का इस्तीफा अब सवालों के घेरे में है। दरअसल उनके इस्तीफे को लेकर कांग्रेस ने तीखा सवाल पूछ डाला है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने X पर एक पोस्ट में कहा कि चुनाव आयोग या चुनाव चूक? भारत में अब केवल एक चुनाव आयुक्त हैं, जबकि कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनावों की घोषणा होनी है। उन्होंने कहा कि अगर स्वतंत्र संस्थानों का ”व्यवस्थित विनाश” नहीं रोका गया तो तानाशाही द्वारा लोकतंत्र पर कब्जा कर लिया जाएगा।
उन्होंनं इस्तीफा तब दिया है जब अगले हफ्ते लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होना है लेकिन अपने कार्यकाल खत्म होने से पहले उन्होंने इस्तीफा देकर सबको चौंका डाला है। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का कार्यकाल 5 दिसंबर 2027 तक था। इतना ही नहीं उनको मुख्य चुनाव आयुक्त बनाने की बात भी चल रही थी क्योंकि अगले साल फरवरी में वह मौजूदा राजीव कुमार के सेवानिवृत्त (रिटायर) होने के बाद उनको ये जिम्मेदारी सौंपी जा सकती थी लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।
वहीं उनके पद से किनारा करने के बाद अब तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में अब केवल एक सदस्य मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं। उनका इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि उनके इस्तीफे की असली वजह क्या है, ये पता नहीं चल सका है। अरुण गोयल 1985 बैच पंजाब कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी रहे है। काफी साल गुजारने के बाद उनको भारत सरकार में शामिल कर लिया गया और उद्योग मंत्रालय के सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद साल 2022 में चुनाव आयोग में जगह दे दी गई।
उन्होंने 18 नवंबर 2022 को फिर पद छोड़ते हुए वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी लेकिन इसके अगले दिन ही चुनाव आयुक्त की जिम्मेदारी सौंप दी गई। इसको लेकर उस वक्त काफी विवाद हुआ था और सुप्रीम कोर्ट ने अरुण गोयल की नियुक्ति की फाइल तलब की थी और सरकार से पूछा था कि उनकी नियुक्ति में इतनी जल्दबाजी में क्यों की गई थी।
उनके इस्तीफे पर कांग्रेस ने सरकार से तीन सवाल पूछा है और कहा है कि चुनाव आयोग ने 8 महीने से वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल के मुद्दे पर देश की राजनीतिक पार्टियों से मिलने से इनकार कर दिया है, जो इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग हेरफेर को रोकने के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के भारत में प्रत्येक बीतता दिन लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थानों पर एक अतिरिक्त झटका दे रहा है।
इलेक्शन कमिश्नर के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि चुनाव आयुक्त पद से
अरुण गोयल का इस्तीफा तीन सवाल खड़े करता है
- क्या उन्होंने वास्तव में मुख्य चुनाव आयुक्त या मोदी सरकार के साथ मतभेदों पर इस्तीफा दिया. जो सभी कथित स्वतंत्र संस्थानों के लिए सबसे आगे रहकर काम करती है?
- क्या उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया?
- क्या उन्होंने कुछ दिन पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की तरह भाजपा के टिकट पर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था।