Friday - 25 October 2024 - 4:05 PM

डोनाल्ड ट्रम्प की गिरफ्तारी के लिए निकला वारंट

जुबिली न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली. राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद भी निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को लगातार राष्ट्रपति मानने से इनकार करते आ रहे मौजूदा अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों ने आज दुनिया के सबसे बड़े देश के लोकतांत्रिक इतिहास को धूल धूसरित कर दिया. आज अमेरिका में जो हालात बने उसने ट्रम्प को बैकफुट पर ला दिया और उन्हें यह कहना पड़ गया कि वह 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद छोड़ देंगे. ट्रम्प की इस घोषणा के बावजूद एक दूसरे मामले में अदालत ने ट्रम्प की मुश्किलों में इजाफा कर दिया. अदालत ने ट्रम्प के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है.

ट्रम्प ने अपने कार्यकाल में दुनिया में अमेरिका की चौधराहट को कायम रखने के लिए जो फैसले लिए उनमें कुछ ऐसे फैसले भी रहे जिसकी पूरी दुनिया में आलोचना की है. ऐसे ही फैसलों में एक फैसला था ईरानी फ़ौज के सर्वोच्च कमांडर कासिम सुलेमानी की ईराक में ड्रोन के ज़रिये मिसाइल हमला करवाकर उन्हें क़त्ल कराना भी था.

कासिम सुलेमानी के कत्ल पर तमाम इस्लामिक देशों ने नाराजगी जताई थी जबकि ट्रम्प ने यह बात आफीशियली कही थी कि कासिम सुलेमानी आतंकवादी थे. ईरान ने कासिम सुलेमानी को शहीद का दर्जा देते हुए उनकी शहादत का बदला लेने की कसम खाई थी.

इराक में अमरीकी एयरबेस को ईरान ने एक के बाद एक कर तेरह मिसाइलों से हमला कर पूरी तरह से तबाह कर दिया था. ईरान ने ट्रम्प की गिरफ्तारी का वारंट भी निकाला था. कासिम सुलेमानी और दूसरे अफसर अबू माहदी अल मुहंदिस पर यह हमला क्योंकि ईराक में हुआ था इसलिए हत्या के इस मामले का मुकदमा भी ईराक की अदालत में ही चलाया गया.

ईराक की अदालत ने कासिम सुलेमानी और अबू माहदी अल मुहंदिस की हत्या में ट्रम्प को ज़िम्मेदार माना है. अदालत ने आज अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी कर दिया है.

अमेरिका ने मिसाइल हमले के ज़रिये दोनों अफसरों को बगदाद हवाई अड्डे के बाहर मार दिया था. इस हत्या के बाद से ही ईरान के साथ-साथ ईराक और अमेरिका के बीच राजनयिक संकट पैदा हो गया था. इराक-ईरान और अमेरिका के बीच तब से लगातार तल्खी बनी हुई है.

यह भी पढ़ें : व्हाइट हाउस से तो निकलेंगे ट्रम्प मगर उसके बाद …

यह भी पढ़ें : खामोश! गैंगरेप ही तो हुआ है, ये रूटीन है रूटीन

यह भी पढ़ें : शिवसेना ने माना कि मोदी सरकार को राहुल गांधी से डर लगता है

यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : इकाना से सीमान्त गांधी तक जारी है अटल सियासत

अमेरिका ने सुलेमानी को मारा जाना अमरीकी हित में बताते हुए ऐसे कदम जारी रखने की बात कही थी लेकिन ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामेनी के तल्ख़ तेवर और सुलेमानी को दफन करने के फ़ौरन बाद जिस तरह से ईराक में अमरीकी ठिकानों पर मिसाइल हमला किया था उसके बाद अमेरिका ईरान पर बदले की कार्रवाई से डर गया था. हालांकि ईरान लगातार अमेरिका को युद्ध के लिए भड़काता रहा लेकिन अमेरिका ने युद्ध की हिम्मत नहीं की.

अब जब ईराक की अदालत ने ट्रम्प के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है तब ऐसा समय है जब अमेरिका भी ट्रम्प के साथ नहीं दिख रहा है. ऐसे में उनकी मुश्किलें बढ़ना तय है.

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com