जुबिली डेस्क
पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी की ‘करीबी सहयोगी’ बताई जा रहीं अर्पिता मुखर्जी ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने इस बात को कबूल किया है कि उनके घर से बरामद कैश बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी का ही है।
उन्होंने ये बात खुद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने यह कबूल किया है। उन्होंने इस कैश को लेकर एक और बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि जो पैसा बरामद हुआ है उसे उनसे जुड़ी कंपनियों में लगाया जाना था।
देश के जाने माने न्यूज चैनल की माने तो कैश को एक या दो दिनों में घर से बाहर निकालने की योजना थी। लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) छापे ने उनकी सारी प्लानिंग को एक झटके में पानी फेर दिया।
बता दे कि पश्चिम बंगाल में शिक्षा घोटाले की जांच की आंच अब सरकार के मंत्रियों तक पहुंच गए है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी के घर शुक्रवार जांच की टीम पहुंच गई और उनको गिरफ्तार भी कर लिया था।
हालांकि इस दौरान उन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपनी खराब सेहत का हवाला भी दिया था और डॉक्टरों की एक टीम भी वहां पहुंची। हालांकि उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा है। अस्पताल से बाहर आते समय चटर्जी ने पहली बार मीडिया से बात की और ममता बनर्जी से संपर्क करने में असमर्थता पर चिंता जताई।
पार्थ चटर्जी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि वे मुझे कहां ले जा रहे हैं। मैं अभी तक अपनी सर्वोच्च नेता ममता बनर्जी से संपर्क करने में असमर्थ हूं। चटर्जी को शनिवार देर शाम कोलकाता के सिटी कोर्ट में पेश किया गया है।
कौन है अर्पिता मुखर्जी
अर्पिता मुखर्जी बंगाली फिल्मों का जाना-माना चेहरा है। अर्पिता ने बांग्ला के अलावा उडिय़ा और तामिल फिल्मों में भी रोल निभया है। वह बांग्ला फिल्मों की सुपरस्टार प्रोसेनजीत की फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं।
ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि बंगाली सिनेमा की एक साइड अभिनेत्री सरकार के एक दिग्गज मंत्री की करीबी कैसे हो गई? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस के नेता और ममता बनर्जी की सरकार में उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी दक्षिण कोलकाता में एक दुर्गा पूजा समिति के संरक्षक हैं।
स्थानीय मीडिया की माने तो यह कोलकाता की बड़ी दुर्गापूजा समितियों में एक है। अर्पिता भी इसी दुर्गापूजा समिति की अहम सदस्य है। इसके आलावा पूजा पंडलों में लगे पोस्टरों पर उनका नाम अध्यक्ष के तौर पर दर्ज होता रहता है।