जुबिली स्पेशल डेस्क
लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यो में विधान सभा चुनाव हो रहे हैं। उनमें सबसे अहम राज्य है मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ है। कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में उसकी सरकार है और मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। ऐसे में तीनों राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस की सीधी टक्कर है।
वहीं महाराष्ट्र में भी पंचायत चुनाव भी हो रहे हैं और उनके नतीजे पर सबकी नजरें होंगी। एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के साथ-साथ अजित पवार के लिए पंचायत चुनाव काफी अहम है,वहीं शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे के राजनीतिक भविष्य के लिए ये पंचयत चुनाव काफी अहम है।
इसके नतीजे को लेकर राजनीतिक के जानकारों की माने तो ये एक तरह से प्री-पोल सर्वे जैसे ही हैं। हालांकि इसमें सबसे अहम बात ये हैं कि पंचायत चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार राजनीतिक दलों का सिंबल नहीं मिलता है, इस वजह से सही आकलन नहीं किया जा सकता है। जो भी चुनाव लड़ता है वो अकेले ही लड़ता है। हालांकि उसको राजनीतिक दलों का पूरा समर्थन मिलता है।
बता दें कि 6 नवंबर, 2023 की शाम तक करीब दो तिहाई सीटों के नतीजे आ चुके हैं। 2359 ग्राम पंचायतों के लिए 74 फीसदी वोटिंग हुए थे, और 1600 से ज्यादा सीटों पर जीते हुए उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है। बीजेपी का दावा है कि 650 सीटें जीत कर वो सबसे आगे खड़ी है।
बीजेपी के बाद उसके सहयोगी शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी के बागी अजित पवार के गुट का नंबर बताया जा रहा है।
बताया जा रह है कि उद्धव ठाकरे की ही तरह शरद पवार के लिए भी ये चुनाव उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है। बारामती तालुका में घोषित किये गये 28 ग्राम पंचायतों के नतीजों में 26 के सरपंच पद पर अजित पवार गुट ने बाजी मार ली है। इसमें दो सरपंज को बीजेपी का पूरा समर्थन मिला।
ऐसे में शरद पवार की एनसीपी को बड़ा झटका लगा। ऐसी स्थिति में पंचायत चुनावों की ही तरह अगर बीएमसी के चुनाव भी होते तो असली स्थिति का आंकलन करने में कुछ हद तक मदद मिलती है।