जुबिली न्यूज डेस्क
केंद्र सरकार ने घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने के लिए नए फॉर्मूले को मंजूरी दी है। साथ ही सीएनजी और पाइप से आपूर्ति की जाने वाली रसोई गैस की कीमतों की अधिकतम सीमा भी तय कर दी। इससे सीएनजी व पीएनजी के दाम 10 फीसदी तक घट जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्राकृतिक गैस पर किरीट पारिख समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी गई।
रूस की तरह कच्चे तेल की कीमतों से जोड़ा जाएगा
सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पारंपरिक क्षेत्र से उत्पादित प्राकृतिक गैस (एपीएम) को अब अमेरिका-रूस की तरह कच्चे तेल की कीमतों से जोड़ा जाएगा। पहले गैस कीमतों के आधार पर मूल्य तय होता था। अब एपीएम गैस की कीमत भारतीय बास्केट में कच्चे तेल के दाम का 10 फीसदी होगी। हालांकि, यह कीमत 6.5 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश ताप इकाई (एमएमबीटीयू) से अधिक नहीं होगी। आधार मूल्य चार डॉलर प्रति एमएमबीटीयू रखा गया है। मौजूदा गैस कीमत 8.57 डॉलर है।
हर महीने तय होंगी कीमतें
नए फॉर्मूले में दो साल तक सीलिंग फिक्स रहेगी। फिर 0.25 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की प्रतिवर्ष बढ़ोतरी होगी। सीएनजी-पीएनजी की कीमतों का निर्धारण अब हर महीने होगा। अभी दरें हर छह महीने में तय होती हैं।
जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश
पारिख समिति ने गैस को जीएसटी के दायरे में लाने की भी सिफारिश की है। इसमें गैस पर सामान्य कर लगाने की सिफारिश की गई है, जो तीन फीसदी से लेकर 24 फीसदी तक हो सकता है। इससे गैस बाजार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।