न्यूज डेस्क
नागरिक संसोधन कानून को लेकर केरल सरकार मोर्चा खोले हुए है। सरकार ने सीएए के विरोध में पहले विधानसभा में एक प्रस्ताव पास किया और फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया। अब केरल सरकार नेशनल पापुलेशन रजिस्टर एनपीआर के विरोध में मुखर हो गई है।
केरल पिनरई विजयन सरकार ने कहा है कि वो National Population Register (NPR) के खिलाफ हैं लेकिन राज्य में जनगणना कराए जाने के पक्ष में हैं। राज्य की CPI(M) सरकार जल्दी ही केंद्र सरकार को इस बारे में सूचित करेगी कि वो अपने राज्य में जनगणना कराने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के नेतृत्व में 20 जनवरी को एक स्पेशल कैबिनेट मीटिंग में इस बात का फैसला लिया गया कि राज्य सरकार एनपीआर औऱ जनगणना को लेकर केन्द्र सरकार को अपने रुख से जल्दी ही अवगत कराएगी।
दरअसल केरल सरकार का मानना है कि राज्य में एनपीआर को लेकर लोगों के बीच घबराहट बढ़ गई है इसीलिए कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जरुरी है कि वो इन मुद्दों पर अपना रुख साफ कर दे।
केरल सरकार Registrar General of India (RGI) और जनगणना कमिश्नर को अपने फैसलों से जल्दी ही अवगत कराएगी।
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से एक बयान भी जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया है कि ‘National Register of Citizens’ को लेकर यहां लोगों के बीच डर का माहौल है। अगर एनपीआर और एनआरसी केरल में लागू किया जाता है तो इससे हालात खराब हो सकते हैं। इसलिए राज्य सरकार ने एनपीआर से जुड़ी हर प्रक्रिया पर पहले ही रोक लगा दिया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में राज्य पुलिस की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा गया है कि अगर राज्य सरकार एनपीआर के प्रक्रिया को मंजूरी देती है तो कानून-व्यवस्था यहां बिगड़ सकती है। जिलों के कलेक्टर ने भी राज्य सरकार को बताया है कि अगर एनपीआर की प्रक्रिया होगी तो जनगणना की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।’
आपको बता दें कि केरल सरकार पहले से ही नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही है। राज्य सरकार ने सीएए के विरोध में पहले विधानसभा में एक प्रस्ताव भी पास किया और फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल किया गया है। पिनरई विजयन सरकार ने अदालत में सीएए को असंवैधानिक बताया है।
यह भी पढ़ें :केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी ने किसको उतारा मैदान में
यह भी पढ़ें : गिरती अर्थव्यवस्था के बीच आएगा बजट