जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना बेकाबू हो चुका है 24 घंटे कोरोना के 30 हजार के करीब नए मामले सामने आ रहे है। वही राजधानी लखनऊ में भी स्थिति नियंत्रण से बाहर हो चुकी है। प्रदेश के हालत लगातार बिगड़ते जा रहे है। वहीं विपक्ष ने भी सरकार को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लोगों की जान की परवाह न कर के चुनाव कराने में व्यस्त है। बता दें कि श्मशान पर घाटों पर शवों की संख्या कम नहीं हो रही है। रविवार को यह आंकड़ा बढ़कर 210 पहुंच गया।
ये भी पढ़े:कोरोना ड्यूटी के दौरान मरने वाले हेल्थ वर्कर्स को अब नहीं मिलेगा 50 लाख का बीमा कवर
ये भी पढ़े: डंके की चोट पर : हर तरह मौत है, हर तरफ तबाही है
सत्ता पाने वाले वाइरस की भी वैक्सीन आनी चाहिये..लगातार कोरोना से लोगों की मौतें हो रही है भाजपा चुनाव करवाने में और बंगाल में रैली करने में व्यस्त है । भाजपा सरकार को जनता की चिंता नहीं है सिर्फ़ सत्ता की चिंता है..#BangalElection2021 #CoronavirusCrisis pic.twitter.com/AE22HwE07p
— Dr Anurag bhadouria (@anuragspparty) April 19, 2021
माना जा रहा है कि आधे से अधिक शव कोरोना संक्रमित लोगों के हैं। शवों के बढ़ते आंकड़े उन लोगों को भी थकाने और डराने लगे हैं जो अंतिम संस्कार के काम में लगे हैं। वहीं, कब्र खोदने वाले भी कम पड़ गए हैं।
ये भी पढ़े:कोरोना को काबू करने के लिए CM याेगी ने ‘टीम-11’ को दिया ये आदेश
ये भी पढ़े: IPL 2021 Point Table: जानें अंकतालिका में कौन किस पायदान पर
यूपी सरकार कहाँ है.. लखनऊ के शमशान घाट पर लाश जलाने की लाइन लगी हुई है..लोग परेशान हो रहे हैं..सरकार ना ज़िंदा रहते लोगों की मदद कर रही है और ना ही मरने के बाद मदद कर रही है..आख़िर है कहाँ सरकार कोई तो बताये…#CoronavirusPandemic
— Dr Anurag bhadouria (@anuragspparty) April 18, 2021
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद अब लखनऊ में एक अपर निदेशक के साथ तीन संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में फैसला लेंगे। कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते प्रसार के बीच में लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने लगभग सरेंडर कर दिया था। उनके शिथिल होने के कारण लखनऊ में स्थितियां दिन पर दिन विकराल होती गईं।
यहां पर संक्रमितों को ना तो हॉस्पिटल में बेड मिल पा रहा था और ना ही कोई बेहतर चिकित्सा सुविधा। इसके बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने मामले का संज्ञान लिया। लखनऊ में काबिल अफसर की कमी सरकार को भी खली और यहां पर चार वरिष्ठ अफसरों को तैनात किया गया है। एक अपर निदेशक के साथ तीन संयुक्त निदेशक लखनऊ की स्थिति संभालने के लिए भेजे गए हैं।
ये भी पढ़े:देश में कोरोना की दूसरी लहर कब होगी ख़त्म ? क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
ये भी पढ़े:दिल्ली में 6 दिन का लॉकडाउन