न्यूज़ डेस्क
अक्सर लोगों को छोटी छोटी बिमारियों में डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह देते है। इसको लेकर हम इतने आश्वस्त होते है कि लोगों को पता भी नहीं चलता की एंटीबायोटिक्स के डोज़ पूरे होने के बाद भी बीमारी सही होगी या नहीं। लेकिन इन एंटीबायोटिक्स को लेकर एक अध्ययन में खुलासा हुआ जो काफी चौकाने वाला है।
किये गये शोध में सामने आया है कि, इन एंटीबायोटिक्स से दिल की बीमारी का खतरा होता है। इससे दो तरह की हार्ट सम्बन्धी समस्याओं के बीच संबंध पाया गया है। ऐसे ही एक एंटीबायोटिक जिसे आम भाषा में सिप्रॉफ्लॉक्सिन या सिप्रो के नाम से भी जाना जाता है, के इस्तेमाल से माइट्रल रिगरजिटेशन नामक दिल की बिमारी होने का खतरा लगभग ढ़ाई गुना तक बढ़ जाता है।
एंटीबायोटिक्स के ज्यादा सेवन से शरीर का खून हार्ट से पूरे शरीर में सर्कुलेट होने की बजाय वापस हार्ट में ही चला जाता है। किये गये इस शोध का पूरी जानकारी एक अमेरिकी जर्नल में प्रकाशित हुई थी।
जबकि हाल ही में द इंडियन हॉस्पिटल फार्मासिस्ट्स एसोसिएशन की 54वीं नेशनल कांफ्रेंस में इस बात को लेकर हीन एकेडमिक्स ने जानकारी दी। हीन एकेडमिक्स ने कहा कि ये एंटीबायोटिक बीमारी के समय जादुई ढंग से असर करते हुए थोड़ी समय के लिए आराम दे देती है लेकिन इनके साइड इफेक्ट्स काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं।