न्यूज डेस्क
विपक्षी दलों के विरोध और बहस के बाद आखिरकार राज्यसभा में भी एंटी आंतक निरोधी (विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन (यूएपीए) विधेयक) 2019 बिल पास हो गया। इस बिल पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून लागू हो जायेगा।
आतंकवाद निरोधी यह कानून लोकसभा में पिछले हफ्ते ही पारित हो गया था। शुक्रवार को राज्यसभा में इसके समर्थन में 147 वोट पड़े जबकि विपक्ष में महज 42।
इस बिल के पास होने के पहले राज्यसभा में काफी गरमागरम बहस हुई। गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने ही आतंकवाद को धर्म से जोड़ा है।
विपक्षी पार्टियों को इस विधेयक पर कई आपत्तियां थीं। उनका मानना था कि इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि सरकार इस विधेयक को लेकर ‘जल्दबाजी’ कर रही है तो वहीं कांग्रेस के ही मनीष तिवारी ने इसे देश को ‘पुलिस राज्य’ में तब्दील करने वाला बताया था।
लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार की प्राथमिकता आतंकवाद को जड़ से मिटाना है। उनका कहना था कि इस विधेयक की मदद से जांच एजेंसियां आतंकियों से दो कदम आगे रहेंगी।
द अनलॉफुल ऐक्टिविटीज (प्रिवेंशन) अमेंडमेंट बिल 2019(UAPA) यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) विधेयक जल्द ही लागू हो जायेगा। आइये जानते हैं UAPA बिल में क्या है खास ।
व्यक्ति भी घोषित किए जा सकेंगे आतंकी
संशोधित कानून के तहत अब संगठनों के साथ-साथ व्यक्तियों को भी आतंकी घोषित किया जा सकेगा। इस कानून में इसका प्रावधान क्यों करने की जरूरत पड़ी, इसे खुद गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में बताया।
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गृहमंत्री ने आतंकी यासीन भटकल का उदाहरण देते हुए कहा कि एनआईए ने उसके संगठन इंडियन मुजाहिदीन को आतंकवादी संगठन घोषित किया था लेकिन भटकल को आतंकवादी घोषित करने के लिए कानून में कोई प्रावधान नहीं था। गृह मंत्री ने कहा कि इसी का फायदा उठाते हुए भटकल ने 12 आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया।
कैसे घोषित किए जा सकेंगे संगठन या व्यक्ति आतंकी
संशोधित कानून के तहत केंद्र सरकार ऐसे संगठनों या व्यक्तियों को आतंकी संगठन या आतंकी घोषित कर सकती है, जो आतंकी कृत्य को अंजाम दिए हों या उनमें शामिल हों, आतंकवाद के लिए तैयारी कर रहे हों, आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हों और आतंकवाद में किसी भी तरह से शामिल रहे हों।
इस बिल में आतंकवाद को स्पष्ट रूप से परिभाषित भी किया गया है।
आतंकी संगठनों और आतंकियों की संपत्तियां हो सकेंगी जब्त
इस संशोधित कानून के तहत आतंकवादियों और आतंकी संगठनों की संपत्तियां जब्त हो सकेंगी। इसके लिए जांच अधिकारी को संबंधित राज्य के डीजीपी की पूर्व अनुमति की जरूरत होगी। अगर मामले की जांच एनआईए का कोई अफसर कर रहा हो तो संबंधित संपत्ति को जब्त करने के लिए संबंधित राज्य के डीजीपी की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए बस एनआईए के महानिदेशक की मंजूरी काफी होगी।
आतंकवाद पर सख्त है मोदी सरकार
2019 का लोकसभा चुनाव राष्ट्रवाद के नाम पर लड़ा गया। प्रधानमंत्री मोदी पिछले पांच साल से अपनी मंशा जाहिर कर चुके हैं कि आतंक को जड़ से मिटाना है।
मोदी सरकार कई मौकों पर जोर देकर कहती आई है कि आतंकवाद पर उसकी नीति जीरो टॉलरेंस की है। इतना ही लोकसभा चुनाव में बीजेपी के घोषणा पत्र में भी इसका जिक्र था।
UAPA बिल को लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी है। इससे पहले NIA संशोधन बिल को लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा की भी मंजूरी मिल चुकी है। उस बिल के तहत NIA को देश से बाहर दूसरे देशों में भी भारत के खिलाफ आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच का अधिकार मिल गया है।
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