जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून बनाने की तैयारियां तेज हो गई हैं। इस सम्बन्ध में गृह विभाग ने विधि विभाग को प्रस्ताव भेज दिया है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही लव जिहाद के खिलाफ कानून मूर्त रूप ले लेगा।
A strict law against 'Love Jihad' will soon be brought in the state. Home Department has sent a proposal to the Department of Law: Home Department, Uttar Pradesh
— ANI UP (@ANINewsUP) November 20, 2020
गौरतलब है कि पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि महज शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं है। जस्टिस एससी त्रिपाठी ने प्रियांशी उर्फ समरीन व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नूरजहां बेगम केस के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने कहा है कि शादी के लिए धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है। इसके बाद सीएम योगी ने ऐलान किया था कि प्रदेश सरकार जल्द ही लव जिहाद के खिलाफ कानून लाएगी।
31 अक्टूबर को जौनपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने था कहा, ‘इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि शादी-व्याह के लिए धर्म परिवर्तन आवश्यक नहीं है। नहीं किया जाना चाहिए। इसको मान्यता नहीं मिलनी चाहिए। इसलिए सरकार भी निर्णय ले रही है कि हम लव जिहाद को शख्ती से रोकने का काम करेंगे।
एक प्रभावी कानून बनाएंगे। इस देश में चोरी छिपे, नाम छुपाकर और धर्म छुपाकर के जो लोग बहन बेटियों के साथ खिलवाड़ करते हैं, उनको पहले से मेरी चेतावनी है। अगर वे सुधरे नहीं तो राम नाम सत्य है की यात्रा अब निकलने वाली है।’
सीएम योगी ने कहा था, ‘हमलोग मिशन शक्ति को इसीलिए चला रहे हैं। मिशन शक्ति के माध्यम से हम बेटी और बहन को सुरक्षा की गारंटी देंगे। लेकिन उन सब के बावजूद अगर किसी ने दुस्साहस किया तो ऑपरेशन शक्ति अब तैयार है।
ऑपरेशन शक्ति का उदेश्य है कि हम हर हाल में बहन-बेटियों की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा करेंगे। इसी दृष्टि से ऑपरेशन शक्ति को आगे बढ़ाने के साथ अब हम चल रहे हैं। न्यायालय के आदेश का भी पालन होगा और बहन-बेटियों का भी सम्मान होगा।’
उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश सरकार ने भी लव जिहाद पर कानून बनाने का दावा किया है। मामले में सबसे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने ही पहल की है। राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने ऐलान किया कि जल्द ही इससे जुड़ा कानून विधानसभा में पेश किया जाएगा। ये गैर जमानती अपराध होगा और दोषियों के लिए पांच साल तक की सजा का प्रावधान होगा।