पॉलिटिकल डेस्क
लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार अपने पांच साल के कार्यों को लेकर वोट मांग रही है। पूरी मोदी कैबिनेट दावा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार ने जितना काम कर दिया है उतना कांग्रेस की सरकार पिछले 70 साल में नहीं कर पाई। वहीं, यूपी के सीएम योगी तो यूपी में रामराज की बात करते हैं। लेकिन चुनाव से ठीक पहले बीजेपी प्रत्याशियों के चयन को लेकर विवाद और टिकट को लेकर चल रही रस्साकस्सी ये बता रहा है कि पार्टी के अंदर सब कुछ सही नहीं चल रहा है। बीजेपी की ओर से यूपी के लिए अब तक घोषित किए गए उम्मीदवारों के नामों पर गौर करें तो यह साफ हो जाता है।
सत्ता विरोधी लहर का डर
लगातार दूसरी बार केंद्र की सत्ता पर पकड़ बनाए रखने के लिए बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है और इसके लिए उसकी सबसे बड़ी उम्मीद उत्तर प्रदेश पर टिकी है। लेकिन सत्ता विरोधी लहर का ज्यादा असर न पड़े, इसलिए बीजेपी अपने कई सांसदों का टिकट काटने से परहेज नहीं कर रही है। अब तक दिए गए 60 टिकटों में 20 सांसदों के टिकट या तो काटे गए या बदल दिए गए हैं।
बीजेपी के उम्मीदवारों की लिस्ट देखें तो 16 सांसदों के टिकट बीजेपी ने काट दिए हैं। चार सांसदों की सीट बदल दी गई है। अभी 20 सीटों पर ऐलान होना बाकी है, हालांकि इन बचे सीटों में से कुछ सीटें सहयोगी दलों के लिए भी हो सकती हैं।
कई बड़े चेहरों के टिकट कटे
केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने जिन बड़े सांसदों के टिकट काटे हैं, उनमें
- कानपुर से सांसद और बीजेपी के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी
- देवरिया से सांसद कलराज मिश्रा
- झांसी से सांसद उमा भारती
- रामपुर से डॉक्टर नेपाल सिंह
- संभल से सत्यपाल
- हाथरस से राजेश दिवाकर
- फतेहपुर से सीकरी बाबू लाल
- शाहजहांपुर से कृष्णा राज
- हरदोई से अंशुल वर्मा
- मिश्रिख से अंजू बाला
- इटावा से अशोक दोहरे
- प्रयागराज से श्यामा चरण गुप्ता
- बाराबंकी से प्रियंका रावत
- बहराइच से सावित्री बाई फुले
- कुशीनगर से राजेश पांडेय
- बलिया से भरत सिंह
4 सांसदों की सीट बदली
बीजेपी ने 16 सांसदों के टिकट काटने के अलावा 4 सांसदों का लोकसभा क्षेत्र बदल दिया है. पार्टी की ओर से जिन 4 सांसदों के रणक्षेत्र में बदलाव किया गया है,उसमें
- मेनका गांधी को पीलीभीत लोकसभा से सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र भेजा गया
- राम शंकर कठेरिया को आगरा लोकसभा से इटावा संसदीय क्षेत्र भेजा गया
- वरुण गांधी को सुल्तानपुर लोकसभा से पीलीभीत संसदीय क्षेत्र भेजा गया
- वीरेंद्र सिंह मस्त को भदोही लोकसभा से बलिया संसदीय क्षेत्र भेजा गया
2014 में पूरे देश में मोदी लहर के चलते बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की थी, लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में काफी कुद बदला हुआ है। राहुल गांधी की आक्रमक शैली और प्रियंका गांधी वाड्रा के राजनीति में आने से कांग्रेस की स्थिति पहले से अच्छी हुई है। वहीं, यूपी में अखिलेश यादव और मायावती का साथ आना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। अखिलेश यादव ने बीजेपी को यूपी में घेरने के लिए बसपा, आरएलडी, निषाद पार्टी समेत 6 दलों का महागठबंधन बनाया है, जिससे पार पाना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा।