जुबली न्यूज़ डेस्क
कांग्रेस पार्टी की अंतर्कलह ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही। मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच लड़ाई जारी है। इसी बीच दो और युवा नेताओं के बीच वर्चस्व की जंग छिड़ गई है।
दरअसल मध्य प्रदेश की राजनीति के पंडितों ने 2023 में जिस मुकाबले की उम्मीद जताई थी, उसकी शुरुआत 2020 में ही हो गई है। बता दें कि वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के चिरंजीव जयवर्धन सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के उत्तराधिकारी नकुल नाथ मैदान में आमने-सामने आ गए हैं।
कांग्रेस में नाथ एंड कंपनी ने नकुल नाथ को 2023 के लिए मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित करना शुरू कर दिया है वहीं दूसरी ओर सिंह ब्रदर्स की ओर से जयवर्धन सिंह 2023 के लिए मुख्यमंत्री पद के दावेदार घोषित किए जा चुके हैं।
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सोशल मीडिया पर सिंह ब्रदर्स और नाथ कंपनी के समर्थकों के बीच खुली तकरार दिखाई देने लगी है। फिलहाल थोड़ी दायरे में हैं लेकिन कांग्रेस में दायरे और दीवारें कब टूट जाए कहा नहीं जा सकता। यह तकरार जयवर्धन सिंह के भोपाल में लगे होर्डिंग के जवाब में आए नकुल नाथ के बयान के बाद शुरू हुई है।
भोपाल में लगाए गए होर्डिंग पोस्टर में जयवर्धन सिंह को मध्य प्रदेश का भावी मुख्यमंत्री बताया गया था। इस होर्डिंग के कारण कांग्रेस पार्टी के भीतर राजनीति में इतनी तेज उफान आया कि जयवर्धन सिंह को होर्डिंग लगाने वाले के खिलाफ पुलिस में शिकायत करनी पड़ी लेकिन इससे बात खत्म नहीं हुई।
कमलनाथ के पुत्र नकुल नाथ ने कुछ पत्रकारों को बुलाकर बयान दिया कि सन्निकट मध्य प्रदेश उपचुनाव में युवाओं का निर्णय मैं करूंगा। इसके साथ उन्होंने यह भी जोड़ा कि जीतू पटवारी, जयवर्धन सिंह, हरि बघेल, सचिन यादव अपने-अपने क्षेत्रों में युवाओं का नेतृत्व मेरे साथ करेंगे। इसी के साथ हालात बिगड़ गए हैं। अब देखना यह है कि यह तकरार क्या-क्या रंग दिखाती है और कांग्रेस हाईकमान इसे कैसे मैनेज करता है।
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