जुबिली न्यूज डेस्क
पाकिस्तान में मची सियासी उथल-पुथल धीरे-धीरे अपने अंजाम की ओर बढ़ रही है। विपक्ष दलों द्वारा पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आने से वहां राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। अब तो सत्ता में बैठे कई सहयोगी भी इमरान खान का साथ छोड़ रहे हैं।
इमरान के खिलाफ नेशनल असेंबली में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले उनकी सहयोगी पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान यानी एमक्यूएम-पी ने उनके खिलाफ वोट करने का एलान किया है।
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मंगलवार देर रात को विपक्षी पार्टियों के गठबंधन के साथ एमक्यूएम-पी ने बैठक की और बुधवार को अपने फैसले का ऐलान किया।
बुधवार को तड़के पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्वीट किया, ”संयुक्त विपक्ष और एमक्यूएम के बीच समझौता हो गया है। हम कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के साथ ये फैसला साझा करेंगे। बधाई हो पाकिस्तान।”
The united opposition and MQM have reached an agreement. Rabta committee MQM & PPP CEC will ratify said agreement. We will then share details with the media in a press conference tomorrow IA. Congratulations Pakistan.
— BilawalBhuttoZardari (@BBhuttoZardari) March 29, 2022
इस फैसले के बाद इमरान खान के पास सरकार में बने रहने के लिए जरूरी संख्या जुटा पाने का संकट गहराता ही जा रहा है।
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एमक्यूएम-पी के पास 7 सदस्य हैं। अब तक माना जा रहा है कि विपक्ष के पास असेंबली में 169 सदस्य हैं, वहीं इमरान खान की पार्टी पीटीआई के पास 171 सदस्य हैं।
अगर एमक्यूएम-पी के सात सदस्य इमरान खान के खिलाफ वोट करते हैं तो ऐसे में उनके लिए ये अविश्वास प्रस्ताव जीतना बेहद मुश्किल हो जाएगा।