सैय्यद मोहम्मद अब्बास
लोकसभा चुनाव बेहद करीब है। ऐसे में मौजूदा सरकार अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए लगातार बड़े-बड़े ऐलान कर रही है। ताकि लोकसभा चुनाव में सियासी फायदा लिया जा सके। अगर देखा जाये तो मौजूदा सरकार ने हाल में कई बड़े नेताओं को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। कर्पूरी ठाकुर, आडवाणी के बाद अब स्वामीनाथन, चौधरी चरण सिंह और नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने का ऐलान मोदी सरकार ने किया है।
मोदी सरकार ने कुछ दिन पहले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया। उनके इस ऐलान के कुछ घंटों बाद ही बिहार में सरकार बदल गई। दरअसल नीतीश कुमार ने मोदी सरकार की इस पहल की तारीफ की और फिर धीरे से एनडीए का हिस्सा बन गए। लालू यादव से अपना रिश्ता तोड़ते हुए फिर से मोदी सरकार से रिश्ता जोड़ लिया।
दरअसल मोदी सरकार विपक्षी एकता को कमजोर करने के लिए हर वो दांव चल रही है जिससे उसे लोकसभा चुनाव में फायदा हो सके। पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और बीजेपी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान कुछ दिन पहले किया था। सियासत को करीब से देखने वाले लोग भी अब दबी जुबान में कह रहे हैं कि ये सब पूरा खेल लोकसभा चुनाव की दृष्टि में खेला जा रहा है।
मोदी ने पहले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान कर विपक्षी दलों को पूरी तरह से हैरान कर दिया। मोदी ने अपने इस दांव से दलितों, वंचितों और उपेक्षित तबकों अपनी तरफ खींचने की बड़ी कोशिश माना जा रहा है। मोदी का ये कदम मंडल की राजनीति में बड़ी सेंध करने के इरादे से की थी जबकि आडवाणी के सहारे उन लोगों का मुंह बंद करने की कोशिश है जो अक्सर मोदी पर आरोप लगाते हैं उन्होंने आडवाणी को दरकिनार कर अपनी राजनीतिक को चमकाया है।
आडवाणी के सहारे मोदी उन बीजेपी कार्यकर्ताओं को खुश करना चाहते हैं जो आडवाणी के हक में अक्सर आवाज उठाते हैं। इसके साथ ही आडवाणी के सहारे कार्यकर्ताओं को ये मैसेज दिया जा रहा है कि बीजेपी ने अपने वरिष्ठ नेताओं के सम्मान की परंपरा को आगे बढ़ाता है। अब चौधरी चरण सिंह और नरसिम्हा राव का ऐलान के पीछे भी बड़ी राजनीति मानी जा रही है। चौधरी चरण सिंह किसानों का मसीहा कहा जाता है।
ऐसे में उनके सहारे किसानों का दिल जीतने की कोशिश है जबकि विपक्षी गठबंधन में शामिल जयंत चौधरी की पार्टी को खुश कर दिया गया है ताकि वो भी एनडीए के पाले में आ जाये। हालांकि बीते कुछ दिनों से राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी को लेकर कहा जा रहा है कि वो जल्द ही एनडीए का हिस्सा बन सकते हैं।
बीजेपी से उनकी बातचीत फाइनल मोड पर है। वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे नरसिम्हा राव को लेकर मोदी सरकार की सोच कांग्रेस से एकदम अलग है। दरअसल कांग्रेस नरसिम्हा राव को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं रहती है और वो सम्मान उनको नहीं मिला है जो कांग्रेस में अन्य नेताओं का मिलता रहा है।
नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने के क्या मायने हो सकते हैं, इसको लेकर जो भी कयास लगे लेकिन राव को भारतीय आर्थिक सुधारों के जनक भी कहा जाता है।