जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार में भर्तियों में बड़े पैमाने में घोटाले का जिन्न अब सामने आया है। पशुपालन विभाग में बड़ा घोटाला सामने आने पर सीएम योगी आदित्यनाथ का रुख बेहद सख्त हो गया है। इसके बाद निदेशक सहित छह बड़े अफसरों को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।
17 मंडलों में 1,198 पशुधन प्रसार अफसरों की भर्ती में हुए घोटाले के मामले में रविवार को एसआईटी की जांच के बाद डायरेक्टर चरण सिंह यादव समेत 6 अफसर सस्पेंड किए गए।
इसी कड़ी में अपर निदेशक अशोक कुमार सिंह, बस्ती के अपर निदेशक जीसी द्विवेदी, लखनऊ मंडल के अपर निदेशक डॉक्टर हरिपाल, बरेली मंडल के अपर निदेशक एपी सिंह और अयोध्या अपर निदेशक अनूप श्रीवास्तव पर सस्पेंशन की कार्रवाई की गई है। घोटाला सामने आने के बाद योगी सरकार ने 28 दिसंबर 2017 को एसआईटी से जांच करवाने के आदेश दिए थे।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने 28 दिसंबर 2017 में एसआईटी को जांच की जिम्मेदारी दी थी। एसआईटी ने जांच के बाद शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने निदेशक के साथ छह अपर निदेशक को निलंबित करने का आदेश दिया।
इन सभी पर मानकों को दरकिनार कर मनमाने ढंग से की गई थी पशुधन प्रसार अधिकारी की भर्ती करने का आरोप है। आपको बता दे की प्रदेश में 2012- 13 में 1148 पशुधन प्रसार अधिकारियों की भर्ती परीक्षा हुई थी। चेहतों को भर्ती करने के लिए इसमें बड़ी गड़बड़ी की गई।
लिखित परीक्षा के साथ अफसरों ने 20 नंबर का इंटरव्यू नियम विरुद्ध का रख दिया था। इसके बाद लिखित परीक्षा 100 नंबर के बजाय 80 नंबर कर दी थी। अफसरों ने अपने चहेते अभ्यर्थियों को पास करने के लिए इसमें इंटरव्यू का खेल किया था।
यह था मामला
2014 में पशुधन विभाग में 1198 पदों पर पशुधन प्रसार अधिकारियों के लिए भर्ती निकली। 1005 अभ्यर्थियों को चयन के बाद ट्रेनिंग दी गई और जॉइन करवा दिया गया। 34 अभ्यर्थियों ने रिट दाखिल की तो हाईकोर्ट ने एसआईटी से जांच करवाने को कहा। जांच में सामने आया कि भर्ती में नियमावली का कहीं पालन ही नहीं किया गया।
फरवरी में पूरी हुई थी जांच, लेकिन एक्शन में देरी
यह भर्ती 2014 में प्रदेश के 17 मंडलों में हुई थी। भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए कुछ अभ्यर्थी हाईकोर्ट गए थे। हाईकोर्ट ने पूरे मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने के निर्देश सरकार को दिए थे। सरकार ने एसआईटी को दिसंबर में यह जांच सौंपी। शुरुआती जांच में एसआईटी ने सभी मंडल के अपर निदेशक ग्रेड- 2 के अधिकारियों से पूछताछ की थी।
साथ ही तत्कालीन पशुधन विभाग के निदेशक रुद्र प्रताप से भी पूछताछ की थी। इन सभी के खिलाफ धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी, 201 व 13(1) डी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। जानकारी ये भी मिली है एसआईटी ने अपनी जांच फरवरी में ही पूरी कर सरकार को रिपोर्ट दी थी, लेकिन योगी सरकार ने एक्शन लेने में देर कर दी।