जुबिली न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका की सुनवाई करते हुए सोमवार को ही बॉम्बे हाई कोर्ट ने गृहमंत्री देशमुख पर लगे आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिया।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अपनी याचिका में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।
देशमुख के इस्तीफे की पुष्टिï एनसीपी नेता नवाब मलिक ने की। मलिक ने कहा कि अनिल देशमुख ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया है लेकिन मुख्यमंत्री ने उसे अभी तक स्वीकार नहीं किया है।
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) April 5, 2021
मलिक ने कहा, “हाई कोर्ट के फैसले के बाद गृह मंत्री देशमुख ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार और पार्टी नेताओं से मुलाकात की और कहा कि वे पद पर नहीं बने रहना चाहते हैं। उन्होंने अपनी इस्तीफा दे दिया है। पार्टी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे उनका इस्तीफा स्वीकार कर लें।”
वहीं देशमुख के इस्तीफे पर भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे इससे खुश हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई की जांच में कई चौंका देने वाली बातें सामने आएंगी।
After the high court order, Home Minister Anil Deshmukh met Pawar Ji & party leaders & said he doesn’t want to remain in the post. He went to tender his resignation to the CM. Party has requested to the CM to accept his resignation: State Minister & NCP leader Nawab Malik pic.twitter.com/oukzN05833
— ANI (@ANI) April 5, 2021
क्या कहा अदालत ने
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई को ये जांच 15 दिनों के अंदर पूरी करने के लिए कहा है। अदालत ने अपने फैसले में सीबीआई से ये भी कहा है कि अगर किसी अपराध की पुष्टि होती है तो इसकी प्राथमिकी भी दर्ज की जाए।
अदालत ने कहा कि अनिल देशमुख गृह मंत्री हैं, इसलिए पुलिस इसकी निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती है।
अदालत में अपनी याचिका में पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ उन्हीं आरोपों को दोहराया जिसका जिक्र उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकरे को लिखी चि_ी में किया था।
सिंह ने ये आरोप लगाया था कि गृह मंत्री पुलिस की जांच में दखल दे रहे हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में तूफान
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने सीएम ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि गृह मंत्री देशमुख ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों को हर महीने कथित तौर पर सौ करोड़ रुपये की उगाही का टार्गेट दिया था।
देशमुख महाराष्ट्र की राजनीति के ऐसे चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने हर पार्टी की सरकार में अपनी जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है।
परमबीर सिंह के विस्फोटक पत्र के बाद राजनीतिक विश्लेषकों को देशमुख का राजनीतिक करियर खतरे में लग रहा था।
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बनी पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के 5 साल के कार्यकाल को छोड़ दिया जाए तो देशमुख साल 1995 के बाद से लगातार मंत्री रहे हैं।