जुबिली न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र के गृह मंत्री पद से अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने इस्तीफे को लेकर उद्धव सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि उद्धव सरकार ने शासन करने का नैतिक अधिकार खो दिया है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ”मुझे दिलचस्प लग रहा है कि अनिल देशमुख ने नैतिक जिम्मेदारी ली है। मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी का क्या? उद्धव ठाकरे ने सरकार चलाने का नैतिक अधिकार को खो दिया है।”
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, ”मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खामोश हैं। शरद पवारजी करते हैं कि मंत्री के बारे में फैसला मुख्यमंत्री करते हैं और कांग्रेस व शिवसेना कहती है कि देशमुख जी के बारे में फैसला एनसीपी करेगी।
आज तो कमाल हो गया, शरद पवार से अनुमति के बाद मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंपा गया। हमने यह विषय उठाया था कि ये टारगेट सिर्फ एक शहर मुंबई का है तो पूरे महाराष्ट्र का टारगेट क्या था? यह टारगेट सिर्फ एक मंत्री का है तो बाकी मंत्री का टारगेट क्या है? हम शुरू से एक स्वतंत्र निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थें और मुंबई पुलिस के द्वारा यह संभव नहीं था।”
प्रमुख राजनीतिक दल के रूप में भाजपा की अपेक्षा है कि इस मामले की सारी परतें खोली जाएं।
देशमुख जी जो उगाही की मांग कर रहे थे, वो अपने लिए कर रहे थे या अपनी पार्टी के लिए कर रहे थे या पूरी सरकार के लिए कर रहे थे?
– श्री @rsprasad pic.twitter.com/CGzPg7OP8f
— BJP (@BJP4India) April 5, 2021
बीजेपी नेता ने आगे कहा कि जैसा आरोप लगाया गया था कि देशमुख ने सचिन वाझे को कहा था कि मुबंई में 17 सौ बार और रेस्टोरेंट हैं तो आप 100 करोड़ रुपये कलेक्शन कर के दीजिए। हम भी जानते हैं कि शरद पवार के इशारे पर ही वे इस्तीफा देते या न देते। लेकिन उद्धव ठाकरे कब बोलेंगे? उनकी खामोशी कई सवाल खड़े कर रही है। प्रमुख राजनीतिक दल के रूप में बीजेपी की अपेक्षा है कि इस मामले की सारी परतें खोली जाएं। देशमुख जो उगाही की मांग कर रहे थे, वह अपने लिए कर रहे थे या अपनी पार्टी के लिए कर रहे थे या पूरी सरकार के लिए कर रहे थे?”
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोपों के मामले में बीजेपी ने निष्पक्ष तरीके से जांच की मांग की है। रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि बीजेपी को उम्मीद है कि इस मुद्दे पर निष्पक्ष, ठीक तरीके से जांच की जाएगी और इसमें शामिल होने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। प्रसाद ने आगे कहा, ”पवारजी देश के एक वरिष्ठ राजनीतिक नेता हैं। उन्हें अनिल देशमुख को पूरी तरह से क्लीन चिट देने के निहितार्थ को समझना चाहिए।”
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के वसूली संबंधी आरोपों पर हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच का आदेश दिए जाने के बाद सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने संवाददाताओं से कहा कि देशमुख ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
ये भी पढ़ें: दुनिया का पहला IHI प्लेटफॉर्म लॉन्च, जानें कैसा करेगा काम
देशमुख ने भी इस्तीफे की एक प्रति ट्वीट की जिसमें उन्होंने कहा कि अधिवक्ता जयश्री पाटिल की याचिका पर हाई कोर्ट ने आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिया है। उन्होंने लेटर में लिखा, ”अदालत के आदेश के बाद मेरे पास पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। मैंने पद छोड़ने का निर्णय किया है। कृपया मुझे मेरे पद से कार्यमुक्त करें।”