जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कांफ्रेंस कर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर कोई भी वादा पूरा न करने का इल्जाम लगाया. किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के साथ हमारी पांच मुद्दों पर सहमति बनी थी. एमएसपी को लेकर कमेटी बनाने की बात हुई थी. अभी तक सभी मामले पेंडिंग हैं. सरकार ने वादाखिलाफी की है. लखीमपुर खीरी का मुद्दा उठाते हुए किसान नेताओं ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. अजय मिश्रा टेनी अभी भी आराम से घूम रहा है.
केन्द्र सरकार की वादाखिलाफी से नाराज़ किसान नेताओं ने नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में कहा कि किसान अपनी बातों को पत्र के माध्यम से जनता तक पहुंचाएंगे लेकिन किसानों ने जो पार्टी बनाई है उसका संयुक्त किसान मोर्चा से कोई मतलब नहीं है.
केन्द्रीय बजट को किसान नेताओं ने किसान विरोधी भावना से बनाया गया बजट करार दिया. किसान नेताओं ने कहा कि छह साल से बस यही सुनते आ रहे हैं कि सरकार किसानों की आमदनी दुगनी करेगी.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम देश भर के किसानों की आवाज़ उठा रहे हैं. फिलहाल हम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लोगों से मुलाक़ात कर रहे हैं. वहां प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं. लोगों से यह प्रार्थना कर रहे हैं कि जब कोई वोट मांगने आये तो उससे यह ज़रूर पूछें कि पीछे ग्यारह महीनों से गन्ने का भुगतान क्यों नहीं हो रहा है. उत्तर प्रदेश का किसान अपना गन्ना उत्तराखंड क्यों भेज रहा है.
राकेश टिकैत का एक पत्र भी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है जिसमें सरकार द्वारा किसानों से किये गए धोखे की बात बताई जा रही है. लखीमपुर खीरी की हिंसा के बारे में बताया जा रहा है. पत्र में कहा गया है कि चुनाव में सरकार को सबक सिखाने की ज़रूरत है.
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