जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर एनडीए में बात बन गई है। सीट शेयरिंग को तय करने के लिए बिहार के कई बड़े नेता दिल्ली मे मौजूद थे और फिर सभी ने मिलकर मामले को सुलक्षा लिया है।
सीट शेयरिंग फॉर्मूले के अनुसार बिहार की 40 में से 17 सीटों पर बीजेपी, 16 पर जेडीयू, पांच पर एलजेपी और बची दो सीटों में से एक-एक पर हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा (हम) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा के खाते में दी गई है लेकिन यहां पर गौर करने की बात है कि चिराग पासवन को लेकर बीजेपी ने बड़ा फैसला किया और पासवन वोट को देखते हुए उनको ज्यादा महत्व दिया गया लेकिन उनके चाचा पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं दी है और उनको एनडीए से भी अलग-थलग कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि वो मोदी सरकार का साथ छोड़ सकते हैं और मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे सकते हैं। बताया जा रहा है कि वो इंडिया गठबंधन में शामिल किये जा सकते हैं। लालू की पार्टी आरजेडी ने उनको तीन सीट ऑफर दिया है लेकिन अभी तक पशुपति पारस ने इस ऑफर पर खुलकर कुछ नहीं बोला है।
स्थानीय मीडिया की माने तो पशुपति पारस हाजीपुर सीट से चुनाव लडऩे की जिद पकड़ रखी थी जबकि चिराग पासवन अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए हाजीपुर की सीट चाहते थे। बता दें कि इसी सीट पर चिराग के पिता रामविलास पासवान 9 बार लोकसभा सांसद रहे थे।
ऐसे में पशुपति पारस की जिद के आगे बीजेपी नहीं झुकी और उनको ये सीट देने के बजाये चिराग पासवन को देने का फैसला किया। इस तरह से पशुपति पारस को एनडीए में एक सीट भी नहीं दी गई।