Tuesday - 29 October 2024 - 5:00 PM

… और जज की कुर्सी पर बैठ गया चोर, दो महीने तक सुनाये फैसले

जुबिली न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली. नटवर लाल का नाम हर किसी ने सुना होगा. यह ऐसा ठग था जिसका हर कोई लोहा मानता था. बड़े से बड़े ठग भी नटवर लाल की बराबरी नहीं कर सकते लेकिन आज एक ऐसे ठग की कहानी सामने आयी है जिसके सामने नटवर लाल भी पानी भरता नज़र आएगा.

वह चोर था. चोरी और जालसाजी उसका पेशा था. कई बार वह पुलिस की गिरफ्त में भी आया और जेल की हवा भी खाई लेकिन एलएलबी पास यह शातिर चोर किस कदर तेज़ दिमाग का था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपनी जालसाजी के बल पर वह दो महीने तक एक जज की कुर्सी पर बैठकर फैसले सुनाता रहा और वकीलों को तो छोड़िये वह अदालत के स्टाफ के शक के घेरे में भी नहीं आया.

दो महीने की जजी के दौरान इस शातिर ठग ने तमाम लोगों को सजा सुनाई और विभिन्न जेलों में बंद तकरीबन दो हज़ार कैदियों को ज़मानत पर रिहा कर दिया. वह फर्जी जज है इस बात का खुलासा होता इससे पहले ही वह फरार हो गया.

एक न्यूज़ चैनल की पड़ताल में इस शातिर ठग का खुलासा हुआ है. नाम है धनी राम मित्तल. यह एलएलबी के अलावा हैण्ड राइटिंग एक्सपर्ट है. इसके पास ग्राफोलाजी की डिग्री है. अपनी इसी पढ़ाई की वजह से उसने कोई ऐसा फैसला नहीं किया जिस पर किसी वकील या अदालत के स्टाफ को उस पर शक होता.

जानकारी के अनुसार धनी राम मित्तल अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 25 साल की उम्र में ठगी के धंधे में उतर गया था. वह गाड़ियाँ चुराता था और उनके फर्जी कागज़ात तैयार कर उन्हें बेच देता था. उसकी खासियत यह थी कि उसने सभी चोरियां दिन के उजाले में कीं.

चोरी के मामले में वह पहली बार 1964 में और आख़री बार 2016 में पुलिस के हत्थे चढ़ा था और जेल की हवा खाई थी. धनी राम मित्तल ने करीब एक हज़ार चोरियों को अंजाम दिया.

उसकी ज़िन्दगी में एक दौर ऐसा आया जब वह बार-बार गिरफ्तार होकर अदालत जाने लगा. यहाँ तक कि जज भी उसे शक्ल से पहचानने लगे. एक बार पुलिस उसे अदालत में लाई. जज ने उसे देखा तो नाराज़ हो गए. उन्होंने कहा कि रोज़-रोज़ मेरी अदालत में क्यों चला आता है. बाहर निकल जा. वह फ़ौरन बाहर निकल गया. इसके बाद वह कभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा.

धनी राम मित्तल ने चोरी और ठगी की राह पर चलते हुए कई साल गुज़ार दिए तो उसने अपनी एलएलबी की डिग्री के इस्तेमाल की बात सोची. उसने वकालत करने के बजाय जज बनने की प्लानिंग की. हरियाणा के एक एडीशनल जज को उसने फर्जी कागज़ात बनाकर दो महीने की छुट्टी पर भेज दिया.

जज के छुट्टी पर जाते ही अगले दिन से वह जज की कुर्सी पर बैठकर मुक़दमे सुनने लगा और फैसले सुनाने लगा. अपनी दो महीने की जजी के दौरान उसने तमाम लोगों को सजा भी सुनाई. इन दो महीनों में उसने 2000 से ज्यादा कैदियों को ज़मानत पर रिहा कर दिया. दो महीने बाद जब असली जज की फर्जी छुट्टी खत्म होने का वक्त आया तो वह फरार हो गया.

यह भी पढ़ें : जानिये मौलाना डॉ. कल्बे सादिक ने अपनी वसीयत में क्या कहा

यह भी पढ़ें : ऑडियो वायरल होने के बाद बंगले से बेदखल किये गए लालू यादव

यह भी पढ़ें : मुकम्मल आज़ादी का नाम है कान्स्टीट्यूशन

यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : मोहब्बत ऐसे क़ानून को मानने से इनकार करती है

बाद में जब यह खुलासा हुआ कि सरकार ने जज को छुट्टी पर भेजा ही नहीं था तब फर्जी जज के फैसलों पर नज़र डाली गई. कई कैदियों की ज़मानत रद्द कर उन्हें वापस जेलों में डाला गया लेकिन फर्जी तौर पर जज बनने वाले धनी राम मित्तल की जानकारी नहीं हो पाई कि वह कहाँ है.

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com