प्रमुख संवाददाता
नई दिल्ली. उमा भारती राम मन्दिर आन्दोलन की मुखर नेता रही हैं. मन्दिर आन्दोलन की अग्रिम पंक्ति की यह नेता भूमि पूजन समारोह में मंच पर नहीं दर्शक दीर्घा का हिस्सा होतीं अगर कोरोना संक्रमण ने हमला नहीं किया होता. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उमा भारती ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर अपनी चिंता भी जता दी और कार्यक्रम के दौरान खुद सरयू तट पर रहने का एलान कर खुद को असहज होने से भी बचा लिया.
उमा भारती 5 अगस्त को अयोध्या तो जायेंगी लेकिन भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी. उन्होंने कहा है कि वह सरयू तट पर रहेंगी और भूमि पूजन कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद रामलला का दर्शन करेंगी. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती ने ट्वीटर पर लिखा है कि अमित शाह और यूपी के नेताओं के कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट देखने के बाद मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए बहुत चिंतित हूँ. उन्होंने प्रधानमन्त्री कार्यालय और राम जन्मभूमि न्यास के पदाधिकारियों से कहा है कि आमंत्रित अतिथियों की सूची से उनका नाम हटा दिया जाए.
राम मंदिर को लेकर आन्दोलन चलाने वाले चेहरों में से एक भी चेहरा भूमि पूजन के लिए सजने वाले मंच पर नहीं दिखेगा. न लालकृष्ण आडवाणी, न कल्याण सिंह, न मुरली मनोहर जोशी और न ही उमा भारती. ज़ाहिर है कि राम मन्दिर के लिए लम्बा सघर्ष करने वालों को यह पीड़ा तो होगी ही कि वह अपने आन्दोलन का प्रतिफल दर्शक दीर्घा से देखें.
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केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उमा भारती ने तत्काल ट्वीट कर खुद को असहज स्थिति में फंसने से पहले ही निकाल लिया. 5 अगस्त को वह अयोध्या में तो रहेंगी लेकिन अगर भूमि पूजन के कार्यक्रम में मंच पर नहीं चढ़ सकेंगी तो वह दर्शक दीर्घा में भी नहीं बैठेंगी. कार्यक्रम के बाद वह रामलला के दर्शन करेंगी और अयोध्या से रवाना हो जायेंगी.