जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. झारखंड के पाकुड़ में वन विभाग ने सोमवार की शाम दो हज़ार मीट्रिक टन कोयला लेकर पश्चिम बंगाल जा रही एक पूरी मालगाड़ी को जब्त कर लिया. झारखंड वनोपज (अधिवहन का विनियमन) नियमावली 2020 के तहत यह कार्रवाई की गई है.
यह मालगाड़ी पश्चिम बंगाल के विद्युत विकास निगम (डब्लूबीपीडीसी) के विद्युत उत्पाद संयंत्र जा रही थी. इस मालगाड़ी में 59 डिब्बे हैं. मामले में डब्लूबीपीडीसी के एक कोयला साइट प्रमुख को गिरफ्तार भी किया गया है. पाकुड़ के फॉरेस्टर रेंजर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि पाकुड़ के कार्यवाहक मंडल वन अधिकारी के निर्देश पर उन्होंने सोमवार की शाम को यह कार्रवाई की.
उन्होंने बताया कि पाकुड़ रेलवे स्टेशन पर रेलवे साइडिंग पर कोयला लाद कर पश्चिम बंगाल जाने के लिए तैयार खड़ी 59 डिब्बे की मालगाड़ी को इंजन समेत जब्त कर लिया और वहां मौजूद पश्चिम बंगाल विद्युत विकास निगम के साइट इंचार्ज रामविलास हंसदा को गिरफ्तार कर लिया गया.
उन्होंने कहा कि झारखंड में इस वर्ष तीन जुलाई को अधिसूचित एवं पहली अक्तूबर से लागू नई झारखंड वनोपज (अधिवहन का विनियमन) नियमावली 2020 के तहत कोयले को भी वनोपज माना गया है. बगैर डीएफओ के परमिट के एक स्थान से दूसरे स्थान तक उसे नहीं ले जाया जा सकता. यदि कोयले का स्थानांतरण करना होता है तो नई नियमावली के तहत 57 रुपये प्रति टन का शुल्क अदा कर वन विभाग से इसके लिए परमिट लेना ज़रूरी होता है.
उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में पश्चिम बंगाल विद्युत विकास निगम और रेलवे के उच्चाधिकारियों को सूचित किया जा चुका था, लेकिन इसके बावजूद बिना परमिट के कोयले की ढुलाई करने पर आज यह कार्रवाई की गई.
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अनिल कुमार सिंह ने बताया कि जब्त मालगाड़ी को उसके गार्ड को इस शर्त के साथ सुपुर्द किया गया है कि वह मालगाड़ी को बिना सूचना और परमिट वहां से स्थानांतरित नहीं करेगा. दूसरी ओर पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार साइट इंचार्ज रामविलास हंसदा को भी सशर्त जमानत दे दी गई.