न्यूज डेस्क
महात्मा गांधी के खिलाफ कथित बयान देकर विवादों में आए भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने सफाई दी है। बीजेपी सासंद अनंत हेगड़े ने मंगलवार को कहा कि वह सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम को वर्गीकृत करने की कोशिश कर रहे थे और उन्होंने महात्मा गांधी का नाम ही नहीं लिया।
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े ने बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व वाले स्वतंत्रता आंदोलन को ‘ड्रामा’ बताया था।
खबरों की माने तो अनंत हेगड़े ने कहा, ‘1 फरवरी 2020 को दिए मेरे बयान की जिम्मेदारी लेता हूं। मैंने किसी राजनीतिक पार्टी, महात्मा गांधी या किसी और का कोई जिक्र नहीं किया था। मैंने सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम को वर्गीकृत करने की कोशिश की थी।’
उन्होंने कहा कि ‘मेरा भाषण सार्वजनिक है, अगर कोई सुनना चाहता है, तो यह ऑनलाइन और मेरी वेबसाइट पर उपलब्ध है। मैंने कभी महात्मा गांधी और पंडित नेहरू के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा। मैं सिर्फ हमारे स्वतंत्रता संग्राम के बारे में चर्चा कर रहा था।’
BJP MP Anant Kumar Hegde on his statement against Mahatma Gandhi: I own my statement made on 1 Feb, 2020. I never made any reference to any political party or Mahatma Gandhi or anybody else, I was just trying to categorize freedom struggle. pic.twitter.com/MKxES1s3Hr
— ANI (@ANI) February 4, 2020
भाजपा नेता ने उनके बयान को लेकर सभी रिपोर्टों को दोषपूर्ण बताया और कहा कि मीडिया पर ‘अनावश्यक विवाद’ के लिए आरोप लगाया। बता दें कि आज महात्मा गांधी पर भाजपा सांसद अनंत हेगड़े की विवादित टिप्पणी को लेकर लोकसभा में कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन में भारी हंगामा किया। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘आज ये महात्मा गांधी को गाली देते हैं। ये रावण के औलाद हैं। राम के पुजारी का ये अपमान कर रहे हैं।’ हालांकि, इसके बाद बीजेपी सांसदों ने लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान ‘ये रावण के औलाद हैं’ पर आपत्ति जताई।
दरअसल, अनंत हेगड़े ने पिछले दिनों बेंगलुरू के एक कार्यक्रम में कथित तौर पर दावा किया कि आजादी की पूरी लड़ाई अंग्रेजों की सहमति एवं सहयोग से लड़ी गई थी और महात्मा गांधी के नेतृत्व वाला स्वतंत्रता आंदोलन एक ‘नाटक’ था।