जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी की मौत के रहस्य का पता लगाने के लिए सीबीआई ने मंगलवार की सुबह नैनी सेन्ट्रल जेल में बंद नरेन्द्र गिरी के शिष्य महंत आनंद गिरी, हनुमान मन्दिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उनके बेटे संदीप को कस्टडी रिमांड पर लेकर करीब सात घंटे तक तीनों से कड़ी पूछताछ की.
प्रयागराज की पुलिस लाइन में सीबीआई ने तीनों से अलग-अलग पूछताछ की. आनंद गिरी कितना शातिर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने सीबीआई के अधिकाँश सवाल हाँ, ना और सर हिलाकर ही निबटा दिए. आनंद गिरी ने सीबीआई अधिकारियों से कहा कि उसका महंत नरेन्द्र गिरी की मौत से कोई लेना-देना नहीं है. सीबीआई ने जब उससे वीडियो और सीडी के बावत पूछा तो कुछ देर के लिए वह असहज हो गया लेकिन उसने फ़ौरन ही खुद को संभाल लिया.
सीबीआई ने आनंद गिरी से पूछा कि महंत नरेन्द्र गिरी की मौत की खबर जब आम भी नहीं हुई थी तभी तुमने वीडियो जारी कर अपनी सफाई पेश कर दी थी. वह कौन शख्स है जिसके ज़रिये हरिद्वार में बैठकर तुमने प्रयागराज में हुई अपने गुरु की मौत का पता लगा लिया. सीबीआई ने पूछा कि जब तुम्हारे खिलाफ एफआईआर भी दर्ज नहीं हुई थी तब तुम्हें सफाई पेश करने की ज़रूरत क्यों पड़ी.
सीबीआई ने आनंद गिरी से पूछा कि हरिद्वार में जो तुम्हारा आश्रम बन रहा है उसके लिए धन कहाँ से आ रहा है. सीबीआई ने पूछा कि जब तुम्हारे और महंत नरेन्द्र गिरी के बीच के सारे मतभेद खत्म हो चुके थे तो तुम बाघम्बरी मठ से दूर क्यों थे.
सीबीआई ने कस्टडी रिमांड के पहले दिन जो बड़ा काम किया वह यह कि उसने तीनों आरोपितों की साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी कराई. मेडिकल की यह ऐसी तकनीक है जिससे यह जानकारी मिल जाती है कि व्यक्ति घटनाक्रम से दो हफ्ते पहले किस तरह से सोच रहा था. उसने कहाँ वक्त बिताया, किससे बात की, इस दौरान उसका कैसा व्यवहार था. सीबीआई ने मठ में मौजूद लोगों की भी साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी कराई है.
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जानकारी मिली है कि सीबीआई की पहले दिन की पूछताछ में सीबीआई टीम के साथ मनोवैज्ञानिक भी मौजूद थे. बुधवार को सीबीआई तीनों आरोपितों को बाघम्बरी मठ और हनुमान मन्दिर भी ले जायेगी. पूछताछ का सिलसिला कल भी दिन भर जारी रहेगा.